मानसून सत्र की शुरूआत से कुछ घंटे पहले किए गए इस प्रदर्शन में डीएमके प्रमुख रूप से सक्रिय रहा। बैठक के दौरान डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन समेत पार्टी के सभी विधायक सफेद मास्क पहने हुए दिखाई दिए, जिसमें नीट विरोधी नारा छपा हुआ था। वहीं पार्टी के सांसदों ने सोमवार को दिल्ली में संसद परिसर में धरना दिया। इस दौरान उन्होंने नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग की।
डीएमके सांसद गौतम सिगमनी ने बताया कि कोविड -19 के कारण कई छात्र नीट की तैयारी अच्छे से नहीं कर सके। इसके अलावा तमिलनाडु में कई छात्र परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंच सके है। तीन दिवसीय विधानसभा सत्र फोर्ट सेंट जार्ज के बजाय कलाइवनार अरंगम में आयोजित किया जा रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, तमिलनाडु से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य एच. वसंतकुमार, डीएमके विधायक जे. अन्बझगन, पूर्व विधायक और अन्य जिनकी कोरोना वायरस से मौत हुई है, उन सभी दिवंगत आत्माओं के प्रति मौन धारण करने के बाद सत्र की शुरुआत की गई। पत्रकारों से बात करते हुए स्टालिन ने कहा, स्पीकर ने नीट की परीक्षा के डर से खुदखुशी करने वाले छात्रों के लिए हमारा शोक प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध नहीं स्वीकारा है। उनका कहना है कि पार्टी ने पहले कहा था कि दो दिवसीय विधानसभा सत्र विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए पर्याप्त नहीं है।