बंद के आह्वान में डीएमके के साथ सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस के दल भी शामिल हैं।
नगर निगम की ओर से सम्पति (property )कर में दोगुनी बढ़ोतरी व जल वितरण का काम 26 साल के लिए फ्रेंच कम्पनी स्वेज प्राइवेट लिमिटेड को सौंपने का विरोध करते हुए विपक्ष ने बंद का आह्वान किया था।
विधायक ने बताया कि बंद पर अदालत के प्रतिबंध के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा। पार्टी किसी को भी अपनी दुकान बंद करने के लिए नहीं कहेगी।
हालांकि उन्होंने कहा इस मुद्दे पर डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के साथ चर्चा की जाएगी और उनकी सलाह के अनुसार कानूनी रूप से निपटा जाएगा।
कार्तिक ने यह भी कहा कि अगर लोगों ने स्वत: ही अपनी दुकान बंद रखी तो पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। अदालत के आदेश पर गठबंधन दलों और वकीलों के साथ विचार-विमर्श के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को ही कोयम्बत्तूर के मोटर व पम्पसेट निर्माताओं ने 27 सितम्बर को उत्पादन बंद करने का फैसला किया था। कोवई पावर ड्रिवेन पंप्स व स्पेयर मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन को पिछले दिनों हुई वस्तु और सेवा कर परिषद की बैठक में राहत मिलने की उम्मीद थी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष के मणिराज ने कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से मोटर पम्पसेट उद्योग पर भी प्रभाव पड़ा है।
एसोसिएशन लगातार केन्द्र व राज्य सरकार से जीएमटी व अन्य करों में राहत की मांग करती रही है पर किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई। अब विरोध स्वरूप 27 सितम्बर को एक दिन के लिए काम रोकने का फैसला किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सम्पति कर में दोगुनी वृद्धि से एक और भार बढ़ गया है। करीब 70 फीसदी मोटर व पम्पसेट इकाइयां किराए के भवनों में चल रही हंै। संपत्ति कर में भारी बढ़ोतरी से भवन मालिक (Real Estate) भी किराया बढ़ा सकते हैं।