Corona Vaccine पंजीयन का लिंक आए तो संभल जाएं हो सकते हैं ठगी के शिकार!
कोरोना वैक्सीन की दो खुराक इंसान में एंटीबॉडी विकसित करेगी लेकिन इन अपराधियों के एक लिंक पर आपका जानकाािरयां उपलब्ध करा देना बेड़ा गर्क कर सकता है।

चेन्नई. देश में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम शनिवार से शुरू हुआ। लेकिन मानव जीवन बचाने वाले इस अभियान के शुरू होने से पहले ही साइबर अपराधी पहले ही सक्रिय हो चुके हैं। वैक्सीन के लिए पंजीकरण लिंक भेजकर लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामलों से पुलिस हैरान है। कोरोना वैक्सीन की दो खुराक इंसान में एंटीबॉडी विकसित करेगी लेकिन इन अपराधियों के एक लिंक पर आपका जानकाािरयां उपलब्ध करा देना बेड़ा गर्क कर सकता है।
कुछ ऐसे ही मामले नोएडा में प्रकाश में आ चुके हैं। पुलिस ने लोगों को आगाह किया है कि लिंक के जरिए कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है इसलिए आप सभी सतर्क रहें। साइबर क्राइम का यह कोई नया मामला नहीं है। देश-विदेश में सक्रिय ऐसे अनगिनत गिरोह नित-नए तरीकों से अपना शिकार फांसते हैं। उनकी नजर लोगों के बैंक बैलेंस पर होती है।
सावधानी जरूरी
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ऐसे लिंक रोज मोबाइल पर आते रहेंगे। इनकी पहचान करना आसान भले नहीं हो लेकिन सावचेती बरतने पर आप बच सकते हैं। पहली बात आपको यह याद रखनी होगी कि सरकार की ओर से जनता के लिए फिलहाल ऐसा कोई ऑनलाइन पंजीकरण नहीं किया जा रहा। सरकार की ओर से अभी तक सिर्फ 'कोविनऐपÓ की बात कही गई है। इस ऐप के जरिए पूरे वैक्सीन कार्यक्रम की टे्रङ्क्षकग होती लाभार्थियों को यह पता चलेगा कि उनको टीका कब लगेगा। बहरहाल, आरोग्य सेतु की तरह इसे डाउनलोड करने के कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं।
जागरूकता अभियान आवश्यक
कोरोनाकाल में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले काफी बढ़े हैं। इसकी वजह लोगों का घरों में रहना तथा ऑनलाइन सौदे करना है। पहले कोरोना की दवा उपलब्ध होने के नाम पर लोगों को ***** बनाया गया तो अब अधिकृत टीके के पंजीयन के नाम पर शिकार खोजे जा रहे हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं प्रीवेंटिव मेडिसीन निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. विनय कुमार के अनुसार तमिलनाडु में कोविड-19 वैक्सीन के लिए चिकित्सक समेत 4.8 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी पंजीकृत किए गए हैं।
जनता के लिए पंजीकरण नहीं
वैक्सीन कार्यक्रम पहले दो चरण में स्वास्थ्यकर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए है। इनको टीके लगाए जाने के बाद ही ५० से अधिक आयु के लोगों को डोज दी जाएगी। फिलहाल ऑनलाइन पंजीकरण शुरू नहीं किया गया है।
जे. राधाकृष्णन, स्वास्थ्य सचिव, तमिलनाडु सरकार
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