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श्वान की जिस नस्ल से घबराया था बगदादी, अब करेगी रेलवे स्टेशन की पहरेदारी

locationचेन्नईPublished: Dec 20, 2019 10:25:06 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

Belgian Melnios breed के श्वान की खासियत यह है कि यह दो फीट गहराई से भी किसी चीज को ढूंढ सकता है। साथ ही 24 घंटे बाद भी किसी व्यक्ति के रास्ते से गुजरने की गंध को पहचान लेता है और दो-तीन फीट लंबी दीवार को भी आसानी से फांद लेता है।

श्वान की जिस नस्ल से घबराया था बगदादी, अब करेगी रेलवे स्टेशन की पहरेदारी

श्वान की जिस नस्ल से घबराया था बगदादी, अब करेगी रेलवे स्टेशन की पहरेदारी

चेन्नई. दक्षिण रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के बेड़े में बेल्जियन मेलिनियोस नस्ल के दो श्वान शामिल हुए हैं। भारतीय रेलवे में पहली बार बेल्जियन मेलिनियोस नस्ल के श्वान को शामिल किया गया है। जैक (मेल) और डयाना (फीमेल) रेलवे सुरक्षा बल का हिस्सा बनेंगें। बेल्जियन मेलिनियोस नस्ल के श्वानों को एमजीआर चेन्नई सेंट्रल और एगमोर रेलवे स्टेशन सुरक्षा पर तैनात किया जाएगा। इस नस्ल के श्वान ने ही दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के एबटाबाद स्थित खुफिया ठिकाने को ढूंढने में अमेरिकी सैनिकों की मदद की थी।

आरपीएफ के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त बीरेंद्र कुमार ने बताया कि यह पहली बार होगा जब इस नस्ल के श्वानों को भीड़-भाड़ और व्यस्तम दो रेलवे स्टेशन पर तैनात किया जाएगा। चेन्नई सेंट्रल सहित अन्य बड़े रेलवे स्टेशन हमेशा आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आरपीएफ ने बेल्जियन मेलिनियोस प्रजाति के श्वानों को शामिल किया है।

बीरेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों श्वानों को ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ के नेशनल ट्रेनिग सेंटर में प्रशिक्षण दिया गया है। दोनों श्वानों को विस्फोटक और विस्फोटक पदार्थ ढूंढने के लिए तैनात किया जाएगा। इन दोनों श्वानों की तैनाती ट्रेन, रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्म, संवेदनशील इलाकों, यार्ड, पार्सल कार्यालय और अन्य रेलवे परिसर में की जाएगी। एक अन्य आरपीएफ अधिकारी एके प्रीट ने बताया कि डॉग स्क्वॉयड का ये सबसे महंगे श्वान हैं। इस नस्ल के श्वान की काफी डिमांड होने के कारण अभी दो श्वानों को ही खरीदा गया है।

क्या है बेल्जियन मेलिनियोस की खासियत

बेल्जियन मेलिनियोस डॉग्स का इस्तेमाल इंडियन आर्मी, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ भी करती है। एनएसडी के पास भी इस प्रजाति के श्वान हैं। इनका एक अलग दस्ता है, जिसे के-9 के नाम से जाना जाता है। इस श्वान की खासियत यह है कि यह दो फीट गहराई से भी किसी चीज को ढूंढ सकता है। साथ ही 24 घंटे बाद भी किसी व्यक्ति के रास्ते से गुजरने की गंध को पहचान लेता है और दो-तीन फीट लंबी दीवार को भी आसानी से फांद लेता है।

मल्टी टास्कर होते हैं बेल्जियन मेलिनॉयस

श्वान की अन्य प्रजातियों की तुलना में बेल्जियन मेलिनॉयस ब्रीड के डॉग कहीं बेहतर साबित हो रहे हैं। इस प्रजाति के डॉग 25 से 30 किलोमीटर लगातार चल सकते हैं। इनके आक्रमण और दुश्मन को घायल करने की क्षमता भी दूसरी प्रजातियों से ज्यादा घातक है। इसलिए इन्हें मल्टी-टास्कर भी कहा जाता है। अब तक 250 से अधिक मामलों में डॉग स्क्वॉड ने हमलावरों, विस्फोटकों को पकडऩे में मदद की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने इसी नस्ल के श्वान की तस्वीर को ट्वीट किया था जिससे डरकर आतंकवादी अबू बकर अल बगदादी ने खुद को बच्चों के साथ उड़ा लिया था।

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