तप तरंग का कार्यक्रम राठौड़ परिवार द्वारा रखा गया एवं आचार्य तीर्थभद्रसूरीश्वर, श्रमण श्रमणी वृन्द का आगमन विशाल संख्या में बाजते गाजते हुआ। गुरुभगवंत ने संघ के कार्यों को निस्वार्थ भाव से कर रहे सभी परिजनों की अनुमोदना करते हुए भावी पीढ़ी को आशीर्वाद दिए। मुनि तीर्थरुचि विजय ने कहा एक ही परिवार के अनेक सदस्य संघ में तन मन धन का योगदान दे रहे हंै, और जो सेवा दे रहे हंै यह बहुत कम देखने को मिलता है। सभी तपस्वियों की ओर से प्राची विकास ने अपने अंतर के उद्गार प्रस्तुत कर आभार प्रकट किया।