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डीएमके ने एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी

locationचेन्नईPublished: Jan 14, 2020 05:15:29 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

Bihar chief minister Nitish Kumar has announced that the NRC will not be allowed in his state
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने भी घोषणा की है कि बिहार में एनआरसी को अनुमति नहीं दी जाएगी
 

डीएमके ने एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी

डीएमके ने एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी

डीएमके ने एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी
चेन्नई. डीएमके ने मंगलवार को कहा कि राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी एआईएडीएमके अगर राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) पर शांत रही तो बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की जाएगी।

 

पलनीस्वामी और आर.बी. उदयकुमार ने कहा था

यहां जारी एक विज्ञप्ति में डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी और राजस्व मंत्री आर.बी. उदयकुमार ने कहा था कि राज्य सरकार एनआरसी को लागू नहीं करेगी, लेकिन एनपीआर को लेकर सरकार चुप्पी साध कर बैठी है। एनपीआर का विवरण इकठ्ठा होने के बाद एनआरसी अपने आप ही लागू हो जाएगी और राज्य की जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। स्टालिन ने कहा पिछले सप्ताह विधानसभा सत्र के दौरान जब इस मुद्दे को उठाया गया तो मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री ने विपक्षी दलों पर अनावश्यक रूप से इस मुद्दे को उठाने का आरोप लगाया था।

सांसदों ने सीएए का समर्थन किया था

संसद के दोनों सदनों में एआईएडीएमके सांसदों ने सीएए का समर्थन किया था। वर्तमान में सीएए के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहा है। डीएमके सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग कर रहा है लेकिन एआईएडीएमके केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने से डर रही हैं। उन्होंने कहा कि जनगणना विभाग ने एनपीआर और एनआरसी लागू करने की तैयारी भी शुरू कर दी गई। पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों ने इसको लागू करने से इंकार कर दिया है।

 

भाजपा के नेता होने के बावजूद एनपीआर का विरोध कर रहे हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने भी घोषणा की है कि बिहार में एनआरसी को अनुमति नहीं दी जाएगी। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भाजपा के नेता होने के बावजूद एनपीआर का विरोध कर रहे हैं। इस प्रकार से अन्य राज्यों में इसका विरोध हो रहा है, लेकिन एआईएडीएके शांत होकर एनपीआर को लागू करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके दावा कर रही है कि श्रीलंकाई तमिलों को दोहरी नागरिकता दी जाएगी लेकिन अब तक इस ओर किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया है। स्टालिन ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस मुद्दे पर इसी प्रकार से चुप्पी साध कर बैठी रही तो डीएमके और उसकी सहयोगी दलों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

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