scriptTamilnadu : बृहदीश्वरर मंदिर में तमिल को ट्रस्टी बनाए जाने का मामला | big temple , Tamil language , high court , chatrapati shivaji maharaj | Patrika News
चेन्नई

Tamilnadu : बृहदीश्वरर मंदिर में तमिल को ट्रस्टी बनाए जाने का मामला

Thanjavur के बृहदीश्वरर मंदिर (Big temple) में एक तमिल को गैर पैतृक ट्रस्टी नियुक्त किए जाने की पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री की मांग को मद्रास हाईकोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

चेन्नईFeb 19, 2020 / 03:19 pm

shivali agrawal

बृहदीश्वरर मंदिर में तमिल को ट्रस्टी बनाए जाने का मामला

बृहदीश्वरर मंदिर में तमिल को ट्रस्टी बनाए जाने का मामला

चेन्नई. तंजावुर के बृहदीश्वरर मंदिर में एक तमिल को गैर पैतृक ट्रस्टी नियुक्त किए जाने की पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री की मांग को मद्रास हाईकोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

हाईकोर्ट का कहना है कि याची इस बात को भूल गए कि भारत के एक होने तथा भारतीय होने का गौरव पहले आना चाहिए। यह जानकर बहुत दुख होता है कि प्रतिष्ठित पद पर आसीन रहे याची का मत कुछ अलग ही है।


न्यायाधीश एम. सत्यनारायणन और न्यायाधीश आर. हेमलता की न्यायिक पीठ ने पूर्व राज्यसभा सांसद और एमजीआर के शासनकाल में राज्य कैबिनेट के सदस्य रहे विश्वनाथन की उक्त मांग वाली जनहित याचिका को निरस्त कर दिया।


याची का कहना था कि मंदिर प्रशासन के जो पैतृक ट्रस्टी हैं उन्होंने पंचधातु की मूर्ति की चोरी तथा बेशकीमती सम्पत्तियों को लेकर पूरी लापरवाही बरती है। इस मंदिर के ट्रस्टी आज भी मराठा शासकों के वंशज हैं। अब समय आ चुका है कि इस पद पर किसी तमिल को आसीन किया जाए।

याची के अनुसार मराठा राजा के शिवाजी महाराज द्वितीय ( Shivaji maharaj ) ने 1832 से 1855 तक तंजावुर पर शासन किया। उसके बाद मंदिर का प्रशासन ईस्ट इंडिया कंपनी के पास चला गया। हिन्दू देवस्थान विभाग के आयुक्त मंडल ने मंदिर प्रशासन के संबंध में 5 जुलाई 1929 को व्यवस्था निकाली। इस योजना के तहत प्रन्यास और तंजावुर महल देवस्थान का संरक्षक और ट्रस्टी शिवाजी महाराज के वंशजों को बना दिया गया।


याची के वकील ने इस मंदिर को विशेष मंदिर का दर्जा दिए जाने की खिलाफत की। बेंच ने इस जनहित याचिका को ठुकराते हुए कहा कि विशेष सरकारी अधिवक्ता एम. कार्तिकेयन की दलील को तरजीह दी। बेंच ने कहा कि पैतृक ट्रस्टी की अवधारणा 1957 के मौजूदा एक्ट में भी कायम है ऐसे में विद्यमान ट्रस्टी के औचित्य में कमी नहीं खोजी जा सकती।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो