बैठक से पहले राजा ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि गाजा तूफान के आने के छह घंटे के भीतर केेंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन प्रभावित इलाकों में पहुंचे और जनता के साथ खड़े हो गए। इसी तरह प्रदेशाध्यक्ष तमिलइसै सौंदरराजन और उनके समेत भाजपा के अन्य नेता भी उस दिन से लेकर आज तक राहत कार्यों में लगे हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी गाजा प्रभावित जिलों का २ दिन तक दौरा किया और जनता का दुख दर्द अनुभव किया। उन जिलों में रहते हुए केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार से केरोसिन और अन्य मदद उपलब्ध कराई।
राजा ने बताया कि प्राथमिक सूचना यह है कि गाजा तूफान से छह लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। निर्धनता रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों को उनके क्षतिग्रस्त घरों की जगह नए घर देने का तत्काल निर्णय करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ६ हजार करोड़ रुपए मंजूर कर कार्य शुरू कर दिया गया है। ऐसे कई कार्य हैं जो केंद्र सरकार ने युद्धस्तर पर किए हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि ऐसी दशा में कमल हासन जो प्रभावित जिलों के दौरे से लौटै हैं ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जनता की अनदेखी कर रही है। तीस साल तक रजतपट के जरिए जनता को मोहपाश में बांधे रखने वाले कमल हासन को इस तरह का आरोप लगाने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन को भी नसीहत दी कि वे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना बंद करें। राजा ने जोशभरे शब्दों में कहा कि अगर स्टालिन अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो वे डीएमके को हिला कर रख देंगे।
उन्होंने पूछा कि जब २०१० में ठाणे तूफान आया था तब मुख्यमंत्री रहे एम. करुणानिधि ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था क्या? उस वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे, क्या वे प्रभावित लोगों से मिलने आए थे? स्टालिन को अपनी बयानबाजी यहीं रोक देनी चाहिए।
एमडीएमके महासचिव वाइको की पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर राजा ने कहा कि वे बहके हुए हैं। उनका बात करने का अंदाज ऐसा है मानो वे सर्वज्ञ हैं। मोदी की वेशभूषा पर की गई उनकी टिप्पणी अमर्यादित है। राजनीतिक फायदे के लिए कुछ पार्टियां नौटंकी कर रही है जनता उन पर कतई विश्वास नहीं करेगी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बारे में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि कांगे्रस नेता ईवीकेएस इलंगोवन ख्वाब देख रहे हंै कि चार राज्यों में उनकी पार्टी जीत जाएगी। सपने देखने का अधिकार सभी को है इस पर किसी को आपत्ति नहीं है। वर्तमान में तो यह हालात है कि कांग्रेस का कोई नामोनिशान ढूंढऩे से भी नहीं मिलता। ऐसे में इलंगोवन की यह प्रतिक्रिया मजाकिया ही लगती है।