भाजपा ने राज्य के सहयोगी दलों का साथ लेकर रैली आयोजित की थी लेकिन एआईएडीएमके और पीएमके ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। दोनों ही दलों ने हाल के निकाय चुनाव के परिणामों के बाद शायद किसी तरह का जोखिम नहीं उठाने का निर्णय कर लिया है। विधानसभा में एआईएडीएमके के मंत्री आर. बी. उदयकुमार ने भी कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो एनआरसी का विरोध किया जाएगा। बहरहाल इस कानून से कोई भी मुसलमान प्रभावित नहीं हुआ है।
घटक दलों की अनुपस्थिति को संभालते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि यह भाजपा की रैली थी। जबकि मंच पर सहयोगी दलों का उल्लेख था। रैली में केंद्र सरकार के इरादों को स्पष्ट किया गया कि इससे अल्पसंख्यक समुदाय को कोई नुकसान नहीं है।
भाजपा के प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा कि यह पार्टी की रैली थी इसलिए एआईएडीएमके अथवा अन्य दल शामिल नहीं हुए। रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन, प्रदेश महासचिव वानती श्रीनिवासन, पूर्व अध्यक्ष सी. पी. राधाकृष्णन व भाजपा के वरिष्ठ नेता एल. गणेशन व अन्य उपस्थित हुए।