उन्हें न सिर्फ सांस लेने में कठिनाई हो रही थी बल्कि पतली त्वचा के साथ साथ आंतों का विकास भी नहीं हुआ था। वजन 480 तथा 600 ग्राम था। दोनों बच्चों की माताओं को कोई उम्मीद नहीं थी। हमने इलाज शुरू किया और अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। सांस लेने में हो रही कठिनाई को दूर करने के लिए डबल वाल वाले इनक्यूबेटर में सर्फटेंट तथा वेंटीलेशन का उपयोग किया गया। नवजात की मांओं ने गजब का आत्मविश्वास दिखाया।
इस मौके पर डा.शोभना राजेंद्रन, डा. अरुण कुमार ने भी विचार व्यक्त किए। अब नवजातों का वजन 1.4 तथा 1.8 किलोग्राम तक पहुंच चुका है। उनको 93 तथा 103 दिन के इन्टेंसिव केयर के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।