scriptप्राचीन शिवालय का बरगद का पेड़ जला | Burn the banyan tree of ancient pagoda | Patrika News

प्राचीन शिवालय का बरगद का पेड़ जला

locationचेन्नईPublished: Feb 09, 2018 11:18:20 pm

निकटवर्ती तिरुवल्लूर जिले के तिरुवालंकाडु स्थित वड़ारण्येश्वर मंदिर स्थित अतिप्राचीन बरगद के पेड़ में बुधवार शाम आग लग गई। सौभाग्यवश इस हादसा में कोई.

Burn the banyan tree of ancient pagoda

Burn the banyan tree of ancient pagoda

चेन्नई।निकटवर्ती तिरुवल्लूर जिले के तिरुवालंकाडु स्थित वड़ारण्येश्वर मंदिर स्थित अतिप्राचीन बरगद के पेड़ में बुधवार शाम आग लग गई। सौभाग्यवश इस हादसा में कोई हताहत नहीं हुआ। यह मंदिर भगवान शिव के पांच प्रमुख रत्नसभै मंदिरों में से एक है।

सूत्रों ने बताया कि मंदिर परिसर के दूसरे गलियारे में नया आरूद्र मंडप है। इस मंडप के पीछे मंदिर का आदिवृक्ष बरगद है। इस वृक्ष की आयु करीब ७०० साल बताई जाती है। बरगद के इस पेड़ के नीचे एक छोटा शिवलिंग व शिववाहन नंदी है। इस वृक्ष के समक्ष भक्तों द्वारा विभिन्न प्रार्थनाएं की जाती हैं और मन्नत मांगी जाती है। इस दौरान वृक्ष के नीचे घी के दीपक जलाए जाते हैं।

घटना के अनुसार बुधवार शाम साढ़े छह बजे भक्तों ने इसी तरह दीपक जलाए। दीपक की लौ से अचानक पेड़ में आग लग गई। पेड़ के आग पकड़ते ही भक्तगण शोर मचाते हुए बाहर की ओर भागे। कुछ ही पल में पेड़ धू-धू कर जलने लगा।

आग लगने की सूचना मिलते ही तिरुवालंकाडु, पेरम्बाक्कम और तिरुवल्लूर से अग्निशमन व बचाव विभाग की गाडिय़ां पहुंचीं। करीब चार घंटे से अधिक समय तक की कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझाया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि इस पेड़ के पास अन्य वृक्ष और भवन संरचना नहीं होने की वजह से आग इस तक ही सीमित रही। आग लगने की खबर मिलते ही जिला कलक्टर सुंदरवल्ली, डीएसपी बालचंदर और अन्य अधिकारी तुरंत मंदिर पहुंचे।

पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि बुधवार को बड़ी संख्या में भक्तों ने पेड़ के नीचे धूप और कपूर जलाया था। हवा के झोंके से इसकी लौ से पेड़ की सूखी पत्तियों में आग लग गई और फैलती चली गई। पुलिस इसके अलावा अन्य एंगल से भी जांच कर रही है।

लगातार हो रही घटनाएं

इससे पहले राज्य के तिरुचेंदूर मंदिर का मंडप गिर गया था। २ फरवरी की रात मदुरै के मीनाक्षी मंदिर परिसर की दुकानें जल गई थी। अब तिरुवलांकाडु मंदिर का आदिवृक्ष जल गया। लगातार मंदिरों में घट रही एक के बाद आग लगने की घटनाओं से श्रद्धालुओं में चिंता का माहौल है।

परिहार पूजा

मंदिर के वृक्ष के जल जाने के बाद गुरुवार को परिसर में परिहार पूजा की गई। भक्तजनों के दर्शन पर कोई पाबंदी नहीं थी लेकिन उनको बरगद के वृक्ष की तरफ जाने से रोक दिया गया। वहां पुलिसकर्मी तैनात थे। गौरतलब है कि इसी बरगद के पेड़ पर दो बार पहले भी आग लग चुकी है। बताया गया है कि आग लगने की तीनों ही घटनाएं अष्टमी तिथि के दिन घटी।

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