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पांच साल पहले बदला था, हालत जस की तस!

locationचेन्नईPublished: Nov 11, 2019 02:06:54 pm

Submitted by:

Dhannalal Sharma

पांच सालों में न तो इसकी चारदीवारी (Boundry) बनाई गई और न ही इसमें जगह-जगह पड़े गड्ढ़े (Holes) भरे गए हैं। इतना ही नहीं इसमें यात्रियों के बैठने की भी कोई व्यवस्था (arrengement) नहीं है, वे पेड़ों की छाया में खड़े रहकर बसों का इंतजार (waiting) करते हैं।

पांच साल पहले बदला था, हालत जस की तस!

पांच साल पहले बदला था, हालत जस की तस!

चेन्नई. बेसिन ब्रिज के किनारे मूलकोत्तलम में पांच साल पहले मेट्रो निर्माण कार्य शुरू होने से पहले अस्थायी तौर पर तब्दील किया गया मिंट (वल्लालर नगर) बस टर्मिनस आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इन पांच सालों में न तो इसकी चारदीवारी बनाई गई और न ही इसमें जगह-जगह पड़े गड्ढ़े भरे गए हैं। इतना ही नहीं इसमें यात्रियों के बैठने की भी कोई व्यवस्था नहीं है, वे पेड़ों की छाया में खड़े रहकर बसों का इंतजार करते हैं।
पहले स्थित था मिंट चौराहे पर
वल्लालर नगर बस टर्मिनस पहले मिंट चौराहे पर अवस्थित था। पांच साल पहले जब वहां मेट्रो रेल का निर्माण का कार्य शुरू हुआ तो इस बस टर्मिनस को बेसिन ब्रिज रोड के किनारे मूलकोत्तलम में स्थंातरित कर दिया गया लेकिन इस अस्थायी बस टर्मिनस में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी काम नहीं हुआ। उस समय एमटीसी अधिकारियों का कहना था कि यह टर्मिनस तो अस्थायी है इसलिए यहां टर्मिनस परिसर को समतल कर सीमेंटीकरण नहीं किया जा सकता। एमटीसी अधिकारियों की यह दलील है कि यह टर्मिनस फिर पुरानी जगह पर शिफ्ट होगा।
कोई सुविधा उपलब्ध नहीं
एमटीसी अधिकारियों की इसी सोच के चलते बहरहाल इस बस टर्मिनस में असुविधाओं का अम्बार लगा हुआ है। यात्रियों को धूप से बचने के लिए टीनशेड नहीं है। पेयजल का पूरी तरह अभाव है। रूट चार्ट का अता पता ही नहीं है। बसों की आवाजाही का मार्ग समतल कम और गड्ढे अधिक हैं। यही वजह है कि बसें यहां हिचकोले खाती हुई निकलती नजर आती हैं। शेड नहीं होने के कारण यात्री धूप में बस के अंदर चले जाते हैं, वहीं बारिश होने पर उनको छिपने का ठिकाना ढूंढऩा पड़ता है।
आवारा पशुओं की शरणस्थली
मिंट बस टर्मिनस पशुओं की शरणस्थली बना हुआ है। यहां बसों और यात्रियों की आवाजाही के मार्ग पर अक्सर गायें सुस्ताती नजर आती हैं। यही कारण है कि परिसर में यत्र तत्र गोबर फैला रहता है। जिसके कारण यात्रियो को परेशानियां झेलनी पड़ती है। आलम यह है कि यदि टर्मिनस में पंद्रह मिनट बस का इंतजार करना पड़े तो लोग धूप में तपने लगते हैं।
दर्जनो रूटों पर संचालित होती हैं बसें
मिंट बस टर्मिनस पश्चिमोत्तर चेन्नई का जंक्शन है। यहां से हर दस मिनट पर पूंदमल्ली के लिए बस संख्या ३७जी और दस मिनट पर ही तिरुवेरुकाडु मंदिर के लिए बस संख्या ५९ का संचालन होता है। पेरियापालयम, रेडहिल्स, तिरुवत्तीयूर, पुदूर, कोयम्बेडु, अबंत्तूर तिरुविकानगर सरीखे कई इलाकों के लिए बस सेवा यहां से मुकम्मल है। मिंट बस टर्मिनस उत्तर चेन्नई का जंक्शन है जहां लोग अपने गंतव्य बदलते हैं। एमटीसी अधिकारियों की मानें तो इस बस टर्मिनस से प्रतिदिन ३० हजार से अधिक यात्री आवाजाही करते हैं ऐसे में इस टर्मिनस में सुविधाओं का अभाव दर्शाता है इसकी अनदेखी हो रही है।
पुराना शेख चार माह पहले ही हो गया खाली
यहां गौरतलब है कि चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड ने पुराने बस टर्मिनस का शेड चार महीने पहले ही खाली कर दिया है, लेकिन एमटीसी ने अब तक इस टर्मिनस को वहां शिफ्ट किया है और न ही यहां किसी प्रकार की सुविधाएं बहाल हो पाई है।
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