परिवहन शुरू होने पर ही मिलेगी गति
सार्वजनिक परिवहन के अभाव में कर्मचारी कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में काम की गति रुकी हुई है। कई कार्य एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। ऐसे में सभी व्यवसाय शुरू होने पर ही रुटीन बन सकेगा।
-पवन कुमार अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, चेन्नई गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
सबसे बड़ी रुकावट श्रमिकों की कमी
सबसे बड़ी बाधा श्रमिकों की है जिनके अगले दो-तीन माह तक आने के आसार नजर नहीं आते। मजदूर न होने से उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उत्पादन दस फीसदी रह गया है। गतिपकडऩे में कम से कम छह महीने का समय लग जाएगा।
-सुरेशकुमार सांघी, एमडी, कोरोमंडल मेटल प्रोडक्ट्स, चेन्नई।