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सीएमसीएच में जल्द ही हृदय प्रत्यारोपण की सुविधा

locationचेन्नईPublished: Apr 03, 2018 12:58:59 pm

Submitted by:

Arvind Mohan Sharma

अस्पताल में साठ लाख कीमत की एक डायलिसिस मशीन भी लगाई जाएगी,साथ ही सरकार ने आठ करोड़ की कैथबैब स्थापित करने का फैसला किया है…

Heart transplant facility in CMCH soon
कोय बत्तूर.चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री विजय भास्कर ने कहा है कि जल्द ही कोय बतूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (सीएमसीएच) में हृदय और अन्य अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरु की जाएगी। वे सीएमसीएच में छह करोड़ की लागत से तैयार नई प्रयोगशाला के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह हृदय की जटिल शल्य चिकित्सा में भी सहायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में साठ लाख कीमत की एक डायलिसिस मशीन भी लगाई जाएगी।साथ ही सरकार ने आठ करोड़ की कैथबैब स्थापित करने का फैसला किया है। यह कैथ लैब विश्वस्तरीय होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दे रही है।सिंगनल्लूर के ईएसआई अस्पताल व मेट्टूपालयम में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध होने वाली है। तमिलनाडु में ए स अस्पताल के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।वहां से सकारात्मक निर्णय की उ मीद है।
स्वास्थ्य मंत्री ने पोल्लाची में वद्दीधर पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि करीब 42 करोड़ की लागत से तैयार इस अस्पताल में 24 घंटे उपचार की सुविधा होगी।करीब दो दर्जन गांवों के लोगों को अब उपचार के लिए कोय बत्तूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस अवसर पर नगर निकाय मंत्री एसपी वेलुमणि ,विधानसभा उपाध्यक्ष पोलाची जयरामन, सांसद सी महेंद्रन, जिला कलक्टर टी.एन. हरिहरन, विधायक व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
चिकित्सा आयोग के विरोध में प्रदर्शन
कोय बत्तूर. कोय बत्तूर में पांच सौ से अधिक चिकित्सकों व मेडिकल कॉलेज के छात्र -छात्राओं ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया। चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि यह विधेयक एलोपैथी के खिलाफ है। यह देश की चिकित्सा सेवा को तहस नहस कर देगा। बिल में साझा प्रवेश परीक्षा के साथ लाइसेंस परीक्षा आयोजित कराने का प्रस्ताव है। सभी स्नातकों को प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस परीक्षा को पास करना होगा। बिल के जरिये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सीटें बढ़ाने और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स शुरू करने के लिए संस्थानों को अनुमति की जरूरत नहीं होगी। इस बिल में आयुर्वेद सहित भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को ब्रिज कोर्स करने के बाद एलोपैथी की प्रैक्टिस की इजाजत दी गई है। ब्रिज कोर्स को एमबीबीएस के बराबर का दर्जा दिया गया है ।साथ ही नीट परीक्षा का स्तर काफी उच्च रखा गया है, जिससे सिर्फ 40 फीसदी स्टूडेंट ही परीक्षा पास कर पाएंगे। इसको ए स के बराबर दर्जा दिया गया है, जिससे आम छात्र परेशानी में पड़ सकते हैं।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी सीटों का फीस मैनेजमेंट तय करती थी लेकिन अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट को 6 0 फीसदी सीटों की फीस तय करने का अधिकार होगा। राजकीय चिकित्सक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रविशंकर ने कहा, आयुर्वेदिक चिकित्सकों को एलोपैथी से उपचार का हक दिए जाने का विरोध जारी रहेगा। यह बिल अगर लागू किया गया तो इससे मरीजों की जान खतरे में पड़ जाएगी। साथ ही गरीब छात्रों का चिकित्सक बनने का सपना टूट जाएगा।
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