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Stalin : राज्य की जनता से माफी मांगे AIADMK

locationचेन्नईPublished: Feb 22, 2020 05:28:44 pm

Submitted by:

shivali agrawal

DMK अध्यक्ष Stalin ने कहा कि AIADMK को अल्पसंख्यकों की इतनी चिंता है तो संसद में इसके पक्ष में वोटिंग क्यों की थी।

Stalin : राज्य की जनता से माफी मांगे AIADMK

Stalin : राज्य की जनता से माफी मांगे AIADMK

चेन्नई. एनपीआर पर एआईएडीएमके के नेताद्वय ई. के. पलनीस्वामी और ओ. पन्नीरसेलवम के संयुक्त बयान जारी करने पर विपक्षी डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि एआईएडीएमके को अल्पसंख्यकों की इतनी चिंता है तो संसद में इसके पक्ष में वोटिंग क्यों की थी। अब केन्द्र सरकार को पांच सवाल हटाने के लिए लिखने का क्या औचित्य है? राज्य सरकार ने ये कहने के बदले कि एनपीआर से किसी को डरने की जरुरत नहीं है, ये कहना चाहिए कि जब तक पांच प्रश्न नहीं हटाए जाते राज्य सरकार एनपीआर को स्वीकार नहीं करेगी।

 

शुक्रवार को एआईएडीएमके पार्टी ने सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की अपील करते हुए दिये बयान में कहा था कि तमिलनाडु में किसी अल्पसंख्यक भाई और बहन के साथ अन्याय नहीं होगा। सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होने देगी। पार्टी मुस्लिम समुदाय की सच्ची दोस्त रहेगी। एआईएडीएमके के प्रमुख नेताओं मुख्यमंत्री ई. के.पलनीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम का ये संयुक्त रूप से केन्द्र सरकार को एनपीआर से पांच सवाल हटाने और कागजात प्रस्तुत किए बिना ही एनपीआर अभियान चलाने को लेकर पत्र लिखा है।

 

डीएमके अध्यक्ष ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि एआईएडीएमके ने संसद में इा बिल के समर्थन में वोट देने के बाद ही लोग सडक़ो पर उतरे है। अब पार्टी कहती है किसीएए, एनआरसी और एनपीआर से किसी को डरने की जरुरत नहीं है। ये नाटक क्यों हो रहा है?


अगर इससे डर नहीं है तो राज्य सरकार ने एन पी आर में इस साल शामिल पांच सवालों को हटाने के लिए केंद्र को पत्र क्यों लिखा? हमने विधानसभा में भी ये बात उठाई थी कि लोग इन सवालों से डरे हुए हैं। राजस्व मंत्री आर. बी. उदयकुमार ने हम पर प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया। राज्य सरकार बीजेपी की आड़ में छुपने की कोशिश कर रही है और मामले पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही है। डीएमके अध्यक्ष ने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार इस विषण में गंभीर है तो सदन में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर केन्द्र से इसे वापिस लेने की मांग करे। राज्य सरकार को संसद में सीएए के पक्ष में वोट करने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।

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