चेन्नई

क्या कीर्तन की अनुमति किसी को भी दी जा सकती है?

हाईकोर्ट का सवाल-आर्ट ऑफ लिविंग मामला

चेन्नईDec 14, 2018 / 01:48 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

मदुरै. मद्रास उच्च न्यायालय ने सरकार से प्रश्न किया है कि अगर तंजावुर के बृहदीश्वरर मंदिर में कोई भी भजन-कीर्तन करने की अनुमति मांगे तो क्या उसे दी जा सकती है?
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्रीरविशंकर की बृहदीश्वरर मंदिर परिसर में साधना शिविर आयोजित करने की योजना थी। इसके तहत परिसर में बड़ा पण्डाल लगाया गया था। एक हजार साल से पुराने इस मंदिर में किसी निजी आयोजक को ऐसे आयोजन की अनुमति देना नियमों का उल्लंघन है।
एडवोकेट मुत्तुकृष्णन ने मंदिर परिसर में ध्यान-साधना शिविर को दी गई अनुमति के खिलाफ याचिका दायर की कि इससे श्रद्धालुओं को असुविधा होगी। दूसरी बात इस शिविर में पंजीयन शुल्क भी रखा गया है।
याचिका पर हाईकोर्ट की मदुरै खण्डपीठ ने सुनवाई करते हुए आयोजन पर रोक लगा दी थी और १३ दिसम्बर को पुरातत्व विभाग के अधिकारी को तलब किया था। पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि तमिलनाडु के हिन्दू धर्म व देवस्थान विभाग की सिफारिश पर यह अनुमति दी गई थी।
कोर्ट ने इस पर तल्ख टिप्पणी की कि यह तर्क अस्वीकार्य है और पूछा कि क्या कोई भी कीर्तन की अनुमति मांगेगा तो दे दी जाएगी? यह विचार रखते हुए मामले पर आदेश सुरक्षित कर लिया।

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