आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में देने होंगे विज्ञापन
-आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को
आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में देने होंगे विज्ञापन
चेन्नई. अब तक तो चुनावी घोषणा पत्र के साथ प्रत्याशियों को आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी ही देनी पड़ती थी लेकिन नए नियमों के तहत अब उनको आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में तीन बार राष्ट्रीय स्तर के अखबारों तथा दो बार टीवी चैनलों में विज्ञापन देना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी जी. प्रकाश ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस पर होने वाला खर्च प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा। सभी राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड का विज्ञापन देना होगा।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनाव अभियान केे दौरान सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर इसके दुरुपयोग से फर्जी खबरों एवं गलत जानकारी के प्रचार-प्रसार एवं छद्म प्रचार को रोकने के लिए लोकसभा चुनाव में सख्त प्रावधान किए हैं। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 में उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च सीमा 70 लाख रुपए तय की है। चुनाव लडऩे वाला कोई भी प्रत्याशी इससे ज्यादा राशि खर्च नहीं कर सकेगा। ऐसा पाए जाने पर आयोग द्वारा उसे चुनाव लडऩे के अयोग्य घोषित कर सकता है।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अभ्यर्थी का व्यय निर्धारण व्यय सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा कानून के तहत सीमा में किए गए सभी व्यय जैसे पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक विज्ञापन, टेंट और ऐसे सभी व्यय शामिल किए गए हैं जिनका रिकॉर्ड संधारित किया जाता है। इन सभी के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है।
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