जिसके जवाब में लोक अभियोजन ने कहा कि कोई भी कैदी तीन साल के बाद ही फिर से पैरोल पर बाहर जाने का पात्र होता है और पिछले साल ही पेरारिवलन एक महीने के पैरोल पर बाहर गया था। जिसके बाद कोर्ट ने कहा राज्य ने स्वीकार किया है कि वे बीमार है और दवाओं की जरूरत है लेकिन फिर भी उसे पैरोल नहीं दिया जा रहा है। क्या किसी कैदी के आइसीयू में पहुंचने के बाद ही उसे पैरोल दिया जाएगा? कोर्ट ने राज्य और याचिकाकर्ता को हत्या के पीछे की साजिश और शीर्ष अदालत के अंतरिम आदेशों की जांच करने वाली बहु अनुशासनात्मक निगरानी एजेंसी की वर्तमान स्थिति पर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। साथ ही सुनवाई को 12 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया।