scriptCarrying the dead to cremation ground no cakewalk for residents | जहां श्मशान तक जाने के लिए रास्ता ही नहीं, शव को खेतों मे खड़ी फसल के बीच से ले जाने को मजबूर ग्रामीण | Patrika News

जहां श्मशान तक जाने के लिए रास्ता ही नहीं, शव को खेतों मे खड़ी फसल के बीच से ले जाने को मजबूर ग्रामीण

locationचेन्नईPublished: Sep 27, 2022 08:24:10 pm

तिरुचि जिले का सेट्टीपट्टी गांव

रास्ते के लिए अधिकारियों से कई बार लगाई गुहार, लेकिन नहीं निकला कोई समाधान

Carrying the dead to cremation ground no cakewalk for residents of this Tiruchy village
Carrying the dead to cremation ground no cakewalk for residents of this Tiruchy village
तिरुचि(तमिलनाडु). थुवरनकुरिची के पास सेट्टीपट्टी के निवासियों को श्मशान घाट तक जाने के लिए दो किमी का फासला तय करना पड़ता है। श्मशान तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होने से खेतों के बीच खड़ी फसल से होकर गुजरना मजबूरी हो गया है। श्मशान भूमि के लिए मार्ग के अभाव में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
एक निवासी पी करुप्पैह कहते हैं, कि कैसे उनके बचपन के दिनों में भी एक लाश को खेतों के बीच से खड़ी फसलों में होते हुए श्मशान घाट तक ले जाया जाता था। उन्होंने कहा, हमारे पास शव को ले जाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं, लेकिन जब भी हम श्मशान घाट के रास्ते में फसलों को रौंदते हए चलते है तो हमें बुरा लगता है। गाँव के बुजुर्ग कहते है, अधिकारियों को हमें शवों को ले जाने के लिए एक वैकल्पिक रास्ता प्रदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने इस पर गौर करने की जहमत नहीं उठाई। एक अन्य ग्रामीण के विजयकुमार ने कहा कि गांव में लगभग 500 परिवार रहते हैं और हम सभी के पास केवल यही श्मशान भूमि है। श्रीरंगम आरडीओ वैथियानाथन ने कहा कि श्मशान घाट का मूल मार्ग किसी तरह बदल गया। उन्होंने कहा, हमें फिलहाल बातचीत करके इस मुद्दे को सुलझाना है और फिर स्थायी समाधान निकालना है।
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