गौरतलब है कि वैरमुत्तु ने किसी विदेशी विद्वान का संदर्भ देते हुए देवी आण्डाल पर टिप्पणी की थी। वैष्णव मत के अनुसार वे महिला आलवार संत हैं और उन्होंने तमिल तिरुप्पावै भक्ति काव्य करीब २ हजार साल पहले की थी। भगवान विष्णु के हर मंदिर में आण्डाल की अलग सन्निधि होती है। जबकि वैरमुत्तु ने उनको देवदासी तुल्य बताया था। उनके इस बयान के बाद से वैष्णव धर्माचार्यों के अलावा विभिन्न संगठनों ने उनकी कड़ी निन्दा की।
इस बीच शनिवार को अमंजीकरै के भारतीपुरम निवासी हिन्दू मंदिर परिसंघ के प्रदेश सचिव सतीश कुमार (४०) भगवा ध्वज लिए अण्णा नगर के क्रिसेंट सालै स्थित रिहायशी इमारत की छत पर चढ़ गए। उन्होंने धमकी दी कि अगर वैरमुत्तु पर मुकदमा नहीं दर्ज किया गया तो वे छत से कूदकर आत्महत्या कर लेंगे। अण्णा नगर पुलिस को इसकी खबर मिली। वह मौके पर गई और समझा-बुझाकर उस युवक को नीचे उतारा।
हिन्दू मुन्ननी ने दी शिकायत
चिंताद्रीपेट निवासी हिन्दू मुन्ननी के राज्य सचिव मुरुगेशन (४०) ने चिंताद्रीपेट थाने में वैरमुत्तु और तमिल दैनिक के संपादक वैद्यनाथन के खिलाफ शिकायत दी। याची ने हिन्दू भावनाओं को भड़काने और धर्म विशेष पर एकपक्षीय टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया है। इसी तरह की शिकायत विहिप नेता मुरुगानंदम ने कोलत्तूर में दर्ज कराई। दोनों जगह पुलिस ने आईपीसी की धारा१५३ ए और २९५ ए ५०५ (२) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बताया गया है कि वैरमुत्तु के खिलाफ राजपालयम सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी मुकदमे दर्ज हुए हैं। पुलिस ने बताया कि माधवरम व पूलीयंतोप के अलावा कई जगहों पर तिरुमावलवन, कनिमोझी और वैरमुत्तु के खिलाफ नारेबाजी और कुछ जगहों पर इनके पुतले जलाए गए।