तमिलनाडु के कई जिलों में पोन्निया के खिलाफ 30 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई थीं। हालांकि, इस मामले में सफाई देते हुए पादरी ने कहा कि उनके पूरे भाषण से दो मिनट का एक वीडियो एडिट कर के फैलाया गया था, जिससे उनकी बात को सांप्रदायिक भाषण लगने लगी। पुलिस ने धार्मिक समूहों के बीच नफरत और दुश्मनी फैलाने के लिए जॉर्ज पोंनिया के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि पादरी जॉर्ज पोन्निया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए माफी मांगी और छिप गए।
उसे पकडऩे के लिए बनाई गई पांच विशेष टीमों ने उसे मदुरै में कल्लिकुडी नामक स्थान पर उसके मोबाइल फोन सिगनल टे्रसकर खोज निकाला और शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
आगे की पूछताछ के लिए उसे नागरकोइल ले जाया जा रहा है, जिसके बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा और न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। उन्होंने ‘भारत माता’ और हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद और अपमानजनक टिप्पणी भी की थी, जिसकी कुझीथुरै के रोमन कैथोलिक सूबा द्वारा निंदा की गई थी।
इस बीच भाजपा की राज्य इकाई ने धार्मिक समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने के लिए गुंडा अधिनियम के तहत और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत पोन्निया को हिरासत में लेने की मांग को लेकर वेलूर और अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन किया।