चेन्नई

वैक्सीन नहीं होने की वजह से पैर व मुंह की बीमारी से जूझ रहे मवेशी

-दूध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है पेरम्बलुर

चेन्नईNov 25, 2021 / 06:46 pm

Vishal Kesharwani

वैक्सीन नहीं होने की वजह से पैर व मुंह की बीमारी से जूझ रहे मवेशी

पेरम्बलुर. कोरोना महामारी की वजह से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है, क्योंकि उनके मवेशी पिछले कुछ दिनों से पैर और मुंह की बीमारी (एफएमडी) से प्रभावित हैं और अस्पतालों में नियमित लगने वाले टीके भी उपलब्ध नहीं है। किसानों का आरोप है कि अस्पतालों में मवेशियों के लिए वैक्सीन ही नहीं है। इस कारण किसानों की आजीविका बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, क्योंकि जिले के अधिकांश किसानों की आजीविका मवेशियों पर निर्भर करती है। वास्तविकता यह है कि पेरम्बलुर जिला राज्य में दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। इन मवेशियों को परेम्बलुर पशु पालन विभाग द्वारा वर्ष में दो बार टीका लगाया जाता है।

 

लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो सालों से केंद्र सरकार द्वारा पशुओं के वैक्सीन की आपूर्ति ही नहीं की जा रही है। टीका नहीं होने की वजह से स्थिति ऐसी है कि जिले के कीझा पेरम्बलुर, वतिस्थापुरम और वायलपड़ी में पिछले दस दिनों से मवेशी इस बीमारी से प्रभावित हैं और चारा खाने में असमर्थ हो रहे हैं।

 


-पैदावार हो सकती है कम
कीझा पेरम्बलुर निवासी पी. अंजलम नामक किसान ने बताया कि मेरे मवेशियों के मुंह और पैरों में छाले पड़ गए हैं। इस कारण उनका खाना बंद है और इससे हमारी पैदावार भी कम हो सकती है। मेरे गांव में इस बीमारी से कम से कम 15 मवेशी संक्रमित हैं। काफी किसानों को पता भी नहीं है कि इस बीमारी को कैसे ठीक करना है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मैं पास के पशु अस्पताल गया तो वहां के डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना की वजह से वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण मवेशी को वैक्टीन देना संभव नहीं है। मैंने अपने मवेशियों की मदद के लिए सिद्धा दवाएं दीं, लेकिन अधिकारियों को नियमित शिविर आयोजित कर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

 


-तेजी से फैलने वाली है बीमारी
आर. गणेशन नामक दूसरे किसान ने बताया कि एक सप्ताह पहले मेरे मवेशी को भी इसी प्रकार के लक्षण थे। मुंह और पैर की ऐसी बीमारी हैं जो अन्य मवेशियों में भी तेजी से फैल सकते हैं। वैक्सीन नहीं होने की वजह से मैं अपने मवेशियों को लेकर अस्पताल नहीं जा पाया। मुझे वैकल्पिक उपचार के बारे में भी कुछ भी पता नहीं है।

 


-सिद्धा उपचार की जाएगी प्रदान
पेरम्बलुर पशु पालन संयुक्त निदेशक डी. सुरेश क्रिस्टोफर ने बताया कि महामारी की वजह से केंद्र द्वारा वैक्सीन की आपूर्ति बंद है। तीन महीने पहले सरकार से वैक्सीन आपूर्ति की मांग की गई थी। जिले में इस बीमारी के लक्षण अधिक नहीं है। लेकिन हम लोग घर घर जाकर मवेशियों की जांच करते हैं और इस प्रकार की बीमारी वाले मवेशियों को विकल्प के रूप में सिद्धा उपचार प्रदान किया जा रहा है।

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