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चीनी वीजा घोटाला: कांग्रेस नेता Karti Chidambaram की बढ़ी मुश्किलें, कार्ति से पूछताछ करेगी CBI

locationचेन्नईPublished: May 25, 2022 03:53:44 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

यह आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ चिदम्बरम ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनियों को वीजा दिलाने में मदद की थी।

cbi questioned Karti chidambaram

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चेन्नई.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने कार्ति चिदम्बरम को उनके और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर वीजा दिलाने में मदद करने के मामले में जांच में शामिल होने के लिए तलब किया है। सीबीआइ के एक सूत्र ने कहा कि कार्ति को बुधवार सुबह 11 बजे तक हमारे नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश होने के लिए बुलाया गया है।

कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कररमन फिलहाल सीबीआइ की हिरासत में हैं और संभावना है कि कार्ति का उनसे सामना हो सकता है। सीबीआइ ने इस मामले में 65,000 ईमेल बरामद किए हैं, जिन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इसी तरह छापे के दौरान बरामद एक बिक्री विलेख भी मामले में महत्वपूर्ण माना जाता है। विलेख जोर बाग में खरीदी गई संपत्ति का है और इसकी पावर ऑफ अटॉर्नी भास्कररमन के नाम है, जबकि संपत्ति कार्ति और उनकी मां ने खरीदी थी।

प्राथमिकी के अनुसार, एक मनसा (पंजाब) स्थित निजी फर्म, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपए का भुगतान किया, जो समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने में फर्म की मदद करेगा।

सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि निजी फर्म एक 1,980 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया में थी, जिसके लिए काम एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स किया गया था। परियोजना अपने समय से पीछे चल रही थी।

अधिकारी ने कहा कि उक्त उद्देश्य के लिए निजी कंपनी के प्रतिनिधि ने अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया और उसके बाद उन्होंने 263 परियोजना के पुन: उपयोग की अनुमति देकर वीजा सीलिंग के उद्देश्य को विफल करने के लिए एक बैक-डोर रणनीति तैयार की। उसी के अनुसरण में निजी कंपनी ने गृह मंत्रालय को एक पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें इस कंपनी को आवंटित परियोजना वीजा के पुन: उपयोग के लिए मंजूरी मांगी गई थी, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी दे दी गई और कंपनी को अनुमति जारी कर दी गई।

यह आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ चिदम्बरम ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनियों को वीजा दिलाने में मदद की थी।

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