मामला जब सुनवाई के लिए आया तो सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट में स्कूली शिक्षा के निदेशक द्वारा २२ जुलाई को जारी आदेश की कॉपी प्रस्तुत की, जिसमें सभी जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह निजी स्कूलों को निर्देश दें कि उनके बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगे। कोयम्बत्तूर के निजी स्कूल के बस चालक और क्लीनर द्वारा बस के अंदर चार साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीडऩ करने के मामले के खुलासे के बाद अधिवक्ता ने यह याचिका लगाई थी।
अपनी याचिका में अधिवक्ता ने कहा है कि सभी स्कूली बसें मेकेनिकली फिट है या नहीं इसकी जांच राज्य परिवहन प्राधिकरण, स्कूल शिक्षा निदेशक और मेट्रिकुलेशन स्कूल बोर्ड के परामर्श से करता है। लेकिन स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए केवल यह प्रयास काफी नहीं है। तकनीक अब काफी एडवांस हो चुकी है। अब सीसीटीवी कैमरे की मदद से स्कूल प्रशासन और अभिभावक दोनों अपने बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी रख सकते हैं।