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हिंदी के साथ ही अन्य भारतीय भाषाओं को विशेष बढ़ावा देगा केन्द्रीय हिंदी निदेशालय

locationचेन्नईPublished: Dec 05, 2021 10:27:29 pm

हिंदी के साथ ही अन्य भारतीय भाषाओं को विशेष बढ़ावा देगा केन्द्रीय हिंदी निदेशालय- केन्द्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर नागेश्वर राव की राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत

CENTRAL HINDI DIRECTORATE

PROF. NAGESHWAR RAO, DIRECTOR, CENTRAL HINDI DIRECTORATE, NEW DELHI

चेन्नई. केन्द्रीय हिंदी निदेशालय अब हिंदी के साथ ही अन्य भारतीय भाषाओं को भी विशेष बढ़ावा देगी। इसकी शुरुआत कर दी गई है। प्रारम्भिक चरण में निदेशालय की भाषा पत्रिका को 12 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करने की योजना बनाई गई है। इससे लोगों को अपनी क्षेत्रीय भाषा में ही जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसके साथ ही निदेशालय डिजीटलीकरण पर खास ध्यान दे रहा है।
केन्द्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर नागेश्वर राव ने राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई समाचार पत्रों एवं मीडिया में इस तरह के टूल काम में लाए जा रहे हैं। जिससे एक भाषा का दूसरी भाषा में अनुवाद हो जाता है। ऐसे में केन्द्रीय हिंदी निदेशालय भी नई तकनीकी की तरफ आगे बढ़ रहा है। मौजूदा दौर में प्रक्रियाओं में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है। अब बारह भारतीय भाषाओं में अनुवाद होने से लोगों को अपनी मातृभाषा में सामग्री मिलने से उन्हें अपनेपन का अहसास हो सकेगा। पिछले दिनों वाराणसी में आयोजित राजभाषा सम्मेलन में भी इस बात पर बल दिया गया कि हिंदी एवं सारी भाषाएं मिलकर काम करें।
राव ने बताया कि भाषा पत्रिका में भाषा विज्ञान, व्याकरण, तुलनात्मक भारतीय साहित्य और साहित्य की विभिन्न विधाओं पर आलोचनात्मक लेख तथा सामयिक विषयों पर वैचारिक लेख प्रकाशित किए जाते है। इसके साथ ही हिंदी की मूल एवं संविधान स्वीकृत अन्य भारतीय भाषाओं की हिंदी में अनुदित कहानियां व कविताएं तथा हिंदी में अद्यतन प्रकाशित पुस्तकों की समीक्षाएं भी प्रकाशित की जाती है।
हिंदीतर भाषी विद्यार्थियों के लिए विशेष सामग्री
निदेशालय ने उपयोगी पुस्तकों, शब्दकोष, हिंदीतर भाषी विद्यार्थियों के लिए ऑडियो कैसेट, सीडी, डीवीडी का निर्माण किया है। विद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं पुस्तक मेलों में निदेशालय की ओर से पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन भी समय-समय पर किया जा रहा है। शिक्षा विषयक मौलिक लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा पुरस्कार योजना चलाई जा रही है।
ऑनलाइन मोड की तरफ बढ़ रहा रुझान
केन्द्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक ने बताया कि निदेशालय की ओर से आयोजित की जानी वाला परीक्षा में करीब 25 फीसदी विद्यार्थी डिजीटल मोड को अपना रहे हैं। आने वाले समय में डिजीटल का दायरा और बढ़ेगा। नई पीढ़ी की डिजीटल प्लेटफॉ़र्म पर रुचि लगातार बढ़ रही है।
प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम को डिजीटल से जोड़ेंगे
उन्होंने बताया कि हिंदी प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में चार से पांच हजार छात्र यह प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं। आने वाले समय में इसे भी डिजीटल माध्यम से जोड़ने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इससे छात्रों की संख्या में इजाफा हो सकेगा।
आठ पुस्तकें लिखी
प्रोफेसर नागेश्वर राव इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय के कुलपति भी है। राव ने अब तक आठ पुस्तकें लिखी है। देश में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में उन्होंने देश में विशेष काम किया है। शिक्षा के क्षेत्र में दिए विशेष योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
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