केंद्र के इस निर्णय से विद्यार्थियों के भलाई के प्रति लापरवाह रवैया दिखा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दैनिक आधार पर कोरोना के 70 हजार मामले सामने आ रहे हैं और ऐसे में नीट के आयोजन के पीछे केंद्र का तर्क क्या है। जबकि नीट के लिए 16 लाख और जेईई के लिए 10 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। स्थिति को देखते हुए सामाजिक दूरी का पालन करते हुए परीक्षा का आयोजन करना संभव नहीं होगा। परीक्षा के आयोजन से कोरोना मरीजों में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए सरकार को परीक्षा को या तो रद्द या फिर स्थगित कर देना चाहिए।