प्राथमिकी में मणि और उसके सहयोगी सेल्वकुमार का आरोपी के रूप में उल्लेख किया गया है। सेल्वकुमार ने पीडि़त व्यक्ति को मणि की सहायता से सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया था। साथ ही नौकरी के लिए उसने पीडि़त से पैसे भी मांगे थे। वादे के अनुसार पीडि़त व्यक्ति ने सेल्वकुमार को 10 लाख रूपए का भुगतान किया, जिसमें से उसने मणि को 7 लाख रुपए प्रदान कर दिए। पीडि़त के अनुसार उसने सेल्वकुमार को 17 लाख रुपए प्रदान किए थे, जिसमें से 10 लाख ऑनलाइन और 7 लाख नकद दिए थे। पुलिस को आशंका है कि दोनों ने मिलकर इस प्रकार से कई अन्य लोगों के साथ भी धोखा किया होगा। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।