चेन्नई में बनेंगे 30 नगर वन
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय उपायुक्त (दक्षिण) डा. ऐल्बी जॉन वर्गीस ने बताया कि चेन्नई में अबतक तीन नगर वन की शुरूआत की हुई है। शुक्रवार को आलंदूर नगर वन की शुरूआत हुई। इससे पहले कोटुरपुरम और वलसरवाक्कम में नगर वन की शुरूआत हो चुकी है। इसके बाद पूलीयंतोप और अण्णा नगर में नगर वन स्थापित होंगे। यह योजना नगर निकायों, गैर सरकारी संगठनों तथा स्थानीय नागरिकों के बीच भागीदारी और सहयोग पर आधारित होगी।
केन्द्र सरकार की नगर वन योजना
बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी जैव-विविधता संरक्षण के लिए शहरों में वन विकसित करने का निर्णय लिया था। नगर वन योजना में शर्त थी कि नगरीय निकाय सीमा में 10 से 50 हेक्टेयर के बीच रिजर्व फारेस्ट की जमीन होनी चाहिए। योजना के तहत पांच सालों में देशभर में दो सौ नगर वन विकसित किए जाने थे। प्रशासन की योजना नगर वन में पौधों की स्थानीय प्रजातियों को सहेजने और एक मनोरम पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की थी। ताकि इसे ऐसा बनाया जाए शहरी क्षेत्र में लोगों को जंगल का अहसास हो सके। यहां पौधारोपण के साथ जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक व ओपेन जिम व तरह-तरह की वाटिकाएं बनाने की बात कही गई थी।
पर्यावरण के लिहाज से ठीक
नॉर्थ चेन्नई में पर्यावरण के लिए काम करने वाले सुभाष का कहना है कि नगर वन बनने से शहर के लोगों के लिए शहर में एक वन के रूप में पार्क उपलब्ध हो जाएगा, और यह पर्यावरण के लिहाज से भी ठीक है। इस पार्क में लोगों के बैठने, टहलने से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं बहाल करने की योजना है। शहर के लोग यहां हरा-भरा वातावरण का आनंद उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम के निर्देश के बाद चेन्नई के लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति भी अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। महानगर में घूमने के लिए सीमित जगहें हैं, लेकिन अब हम इस दिशा में कार्य कर रहे हैं और नगर वन के लिए स्थान उपलब्ध करा रहे हैं।
योजना का महत्व
समय के साथ बढ़ती जनसंख्या, वनों की कटाई, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव डाल दिया है, जिससे जैव विविधता की निरंतर हानि हो रही है। नगर वन योजना इस अंतर को खत्म करने का एक बेहतर तरीका है। इसलिए मंत्रालय द्वारा भी शहरी क्षेत्रों में जैव विविधता के प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए ‘नगर वन’ को विश्व पर्यावरण-2020 की थीम के रूप में अपनाया गया है।