चेन्नई

डेंगू के रोकथाम की तैयारी में जूटा निगम

पिछले कुछ महीनों से जारी कोरोना के प्रसार को रोकने के प्रयासों के बीच अब ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन डेंगू का मुकाबला करने के लिए एक बहु आयामी रणनीति तैयार कर रहा है।

चेन्नईAug 31, 2020 / 06:49 pm

Vishal Kesharwani

डेंगू के रोकथाम की तैयारी में जूटा निगम


-अगले कुछ दिनों में कार्रवार्ई होगी तेज
चेन्नई. पिछले कुछ महीनों से जारी कोरोना के प्रसार को रोकने के प्रयासों के बीच अब ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन डेंगू का मुकाबला करने के लिए एक बहु आयामी रणनीति तैयार कर रहा है। इसके तहत अगले सप्ताह से निगम की एंटोमोलॉजिस्ट पिछले साल के डेंगू हॉटस्पॉट का सर्वेक्षण करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर का प्रजनन न हो। मलेरिया की तरह ही डेंगू के मच्छर ताजे पानी में पनपते हैं। निगम के सूत्रों ने बताया कि इस प्रकार के हॉटस्पॉट की माधावरम, तिरुविका नगर और अम्बत्तूर में पहचान की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल निगम के सामने 640 डेंगू के मामले आए थे। इस साल लगभग 20 मामले सामने आ चुके हैं।

 

हालांकि दर्ज हुए 20 मामलों से संतुष्ट नही हैं क्योंकि कोरोना की वजह से अस्पताल सही से संचालित नहीं हो रहा है और काफी मामले दर्ज नहीं किए गए हैं। हाल ही में निगम आयुक्त जी. प्रकाश ने आयोजित हुए एक बैठक की अध्यक्षता कर प्रस्तावित योजना पर चर्चा किया था। योजना के मुताबिक लार्विसाइड के छिड़काव के लिए ड्रोन को सेवा में लेने की संभवना है। इसके अलावा निगम द्वारा महानगर के खाली जगहों पर साफ सफाई कराई जाएगी। बैठक के बाद प्रकाश ने कहा था कि महानगर भर में 26 हजार से अधिक इस प्रकार के खाली जगहों की पहचान की गई है। जांच के दौरान जगहों को अगर गंदा पाया गया तो निगम द्वारा उनकी सफाई कराई जाएगी और उसका भुगतान जगह के मालिक से वसूला जाएगा। इस प्रक्रिया को पहले ही सिस्टम में शामिल कर लिया गया है।

 

निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खाली जगह सिरदर्द का एक प्रमुख स्रोत है, क्योंकि बारिश कचरे पर इकट्ठा होती है जो मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन जाती है और पास के लोगों को प्रभावित करती है। यदि वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और सरकारी निकायों के परिसर में मच्छरों को प्रजनन करते पाया गया तो निगम द्वारा उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। पिछले साल निगम ने 3 करोड़ तक का जुर्माना भी वसूला था। कुछ ऐसे लोग भी थे जिन पर दस लाख तक का जुर्माना भी लगा। डोर टू डोर सर्वेक्षण कार्यकर्ता घरों की जांच करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पानी ड्रमों में या रेफ्रिजरेटर के डिफ्रॉस्ट कंटेनर में एकत्र ना हो। उन्होंने कहा कि कोरोना 50 साल से ज्यादा लोगों के लिए खतरा है तो डेंगू बच्चों के लिए खतरा बना है। अगर किसी को लंबे समय से बुखार आ रहा हो तो वे कोरोना जांच के साथ प्लेटलेट काउंट भी करा लें। अगर प्लेटलेट काउंट 1.५ लाख से कम होता है तो डेंगू की शिकायत हो सकती है। इसकी पुष्टि के लिए वे लोग पास के स्वास्थ्य सेंटर जाएं।

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