scriptस्मार्ट नहीं है नगरनिगम के स्मार्ट बाइक, तकनीकी खामियों से उपयोगकर्ता परेशान | Chennai Corporation's Smart bikes are actually not Smart | Patrika News

स्मार्ट नहीं है नगरनिगम के स्मार्ट बाइक, तकनीकी खामियों से उपयोगकर्ता परेशान

locationचेन्नईPublished: Nov 16, 2019 08:58:08 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

स्मार्ट बाइक (Smart Bikes) लांच होने के बाद से 80000 उपयोगकर्ताओं ने ऐप डाउनलोड App Download किया और 20000 ने पंजीकरण कराया है। पंजीकृत उपयोगकर्ताओं ने 70000 सवारी पूरी कर ली है। Chennai Corporation

चेन्नई.

महानगर में वायु प्रदूषण और यातायात सुविधाओं से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने इसी साल फरवरी में स्मार्ट बाइक लॉन्च किया था लेकिन ये स्मार्ट बाइक चेन्नईवासियों को लुुभाने में नाकाम साबित हो रहे है।

यात्रियों का कहना है कि वे महानगर में प्रदूषण से निपटने और सुगम यातायात के लिए परिवहन के अन्य साधनों का चयन करने के लिए तैयार हैं लेकिन ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा लांच किए गए स्मार्ट बाइक का मोबाइल एप्लिकेशन उपयोगकर्ता के अनुकुल नहीं है। यानी कि स्मार्ट बाइक का मोबाइल एप्लीकेशन यूजर फ्रेंडली नहीं है। लोगों को इसका सिस्टम समझ नहीं आ रहा है। लॉकिंग और अनलॉकिंग, पंजीकरण और भुगतान प्रक्रिया में कई खामियां है।

 

ऐसे काम करता है स्मार्ट बाइक
स्मार्ट बाइक शेयरिंग सिस्टम एक ऐप के जरिए काम करता है। ऐप को अपने फोन पर ऐप डाउनलोड करना होगा, अपनी व्यक्तिगत जानकारी और अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी दर्ज करनी होगी। बाइक को महानगर के विभिन्न स्थान विशेषकर मेट्रो स्टेशनों के पास रखा गया है। प्रत्येक बाइक में क्यूआर कोड होता है, जिसे लॉक खोलने के लिए आपको अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर स्कैन करना होता है। यात्रा पूरा होने पर बाइक को महानगर के किसी भी डॉकिंग स्टेशन पर वापस किया जा सकता है।

 

ये है तकनीकी खामियां
एक नियमित स्मार्ट बाइक उपयोगकर्ता रवि कुमार के अनुसार स्मार्ट बाइक में सबसे बड़ी समस्या ऐप के साथ बाइक को लॉक और अनलॉक करना है। ऐप में कई गडबडियां हैं। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद ऐप पर अनलॉक होने के बावजूद बाइक लॉक रहती है। फिर ग्राहक सेवा अधिकारी को फोन करना पड़ता है। इसी तरह अनलॉक करने के लिए चक्के से जुड़ी लीवर को नीचे खींचना पड़ता है। पांच अलग अलग स्मार्ट बाइक में केवल दो पहले प्रयास में अनलॉक होते है। बाकी के लिए ग्राहक सेवा की आवश्यकता थी।

इसपर नगरनिगम के एक अधिकारी ने कहा समस्या डेटा कनेक्टिविटी में है न कि बाइक्स में कोई दिक्कत है। अगर इंटरनेट धीमा है, तो ये गड़बडिय़ां होती हैं। एक अन्य उपयोगकर्ता सेल्वम ने बताया कि तैनाम्पेट मेट्रो स्टेशन के बाहर अलग-अलग बाइक को अनलॉक करने की कोशिश की, तो एक बाइक तुरंत अनलॉक हो गई, जबकि दो अन्य बाइक में समस्या शुरू हो गई।

 

भुगतान में भी है समस्या
एक अन्य उपयोगकर्ता स्मार्ट बाइक में भुगतान को लेकर भी समस्या है। कार्ड के विवरण भरने के बाद ओटीपी पेज दिखाई देता है और उसके बाद लेनदेन नहीं होता है। कई कोशिश के बाद एरर का संदेश दिखाता है।

अण्णा नगर निवासी सैम्अल के अनुसार स्मार्ट बाइक का ऐप रूपे कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार नहीं करता है, लेकिन यह जानकारी कहीं भी उल्लेख नहीं है। इसके अलावा कुछ बाइक्स डॉकिंग स्टेशन पर होने के बावजूद ऐप पर उपलब्ध नहीं होने का संदेश दिखाता है। कई बार ऐसा होता है कि क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद संदेश के माध्यम से बताया जाता है कि बाइक पहले से ही ली गई है। तकनीकी खामियों के कारण कई बार बाइक उपलब्ध होने के बावजूद उपयोग नहीं कर सकते।


चेन्नई निगम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महानगर में कुल 40 डॉकिंग स्टशन हैं और स्मार्ट बाइक की संख्या 400 है। स्मार्ट बाइक लांच होने के बाद से 80000 उपयोगकर्ताओं ने ऐप डाउनलोड किया और 20000 ने पंजीकरण कराया है। पंजीकृत उपयोगकर्ताओं ने 70000 सवारी पूरी कर ली है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो