निगम की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता एस.आर. राजगोपाल ने कहा वर्ष २०१७ में विक्रेता नियमितीकरण प्रक्रिया के तहत १५४४ विक्रेताओं की पहचान की गई थी जिसमें से १४८६ विक्रेताओं को पहचान पत्र दी गई थी। लेकिन इस साल इस प्रक्रिया के तहत १९६२ दुकानों की पहचान की गई जिसमें से ८०८ विक्रेताओं के पास ही पहचान पत्र पाए गए। उन्होंने कहा बीच की सुंदरता बढ़ाने के लिए १७५ सेनेटरी कर्मचारियों को लगाया गया है जो सिफ्टिंग आधार पर साफ सफाई का कार्य करते हैं।
बीच के छह जगहों पर बाथरूम की व्यवस्था की गई है और अन्य जगहों पर भी बाथरूम की व्यवस्था बनाई जा रही है। दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने अगली सुनवाई ८ जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने कार्पोरेशन और सिटी पुलिस को आगामी छह महीने के अंदर मरीना बीच को विश्वस्तरीय समुद्र बीच बनाने की ओर कदम उठाने का निर्देश दिया था।