उन्होंने बताया कि सिस्ट्स को हटाना जरूरी था क्योंकि इसका टूटना जीवन को जोखिम में डाल सकता था। इनके अंदर का जहरीला द्रव उनके निकट स्थित महत्वपूर्ण अंगों जैसे लीवर, किडनी तथा आंत को क्षति पहुंचा सकता था। इसके बाद चिकित्सकों की टीम ने आपरेशन प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बनाई। इसके तहत पूरा ध्यान एवं सावधानी बरती गई ताकि आस पास के अंग प्रभावित तथा क्षतिग्रस्त न हो। फिर से ऐसा न हो इसके लिए महिला को दवा दी गई। हास्पिटल की निदेशक डा.सविता राजेश ने कहा कि ऐसे रोगों को रोकने के लिए स्वच्छ पानी, उचित सफाई, ताजा भोजन करना चाहिए। हाथ की स्वच्छता पर अधिक ध्यान देना चाहिए। कुत्ते जैसे पालतू जानवरों को समय समय पर डिवार्म (कीड़े की दवा) किया जाना चाहिए। उनकी देखभाल का पूरा ध्यान रखना चाहिए।