scriptचेन्नई के चिकित्सकों ने महिला के पेट से निकाला 759 सिस्ट, जानिए कितना खतरनाक एवं क्या है सिस्ट | Chennai doctors remove 759 cysts from womans stomach | Patrika News

चेन्नई के चिकित्सकों ने महिला के पेट से निकाला 759 सिस्ट, जानिए कितना खतरनाक एवं क्या है सिस्ट

locationचेन्नईPublished: Dec 04, 2019 09:42:57 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

इन सिस्ट्स को जटिल सर्जरी कर हटाया गया।

चेन्नई के चिकित्सकों ने महिला के पेट से निकाला 759 सिस्ट, जानिए कितना खतरनाक एवं क्या है सिस्ट

चेन्नई के चिकित्सकों ने महिला के पेट से निकाला 759 सिस्ट, जानिए कितना खतरनाक एवं क्या है सिस्ट

चेन्नई.

सविता हास्पिटल्स के चिकित्सकों ने एक 29 वर्षीय महिला के पेट से 759 सिस्ट निकाला। ये सिस्ट (पुटी) महिला के पेट की कैविटी के 50 प्रतिशत स्थान को कवर किए हुए थे। चिकित्सकों ने बताया कि एक अल्ट्रासाउंड स्कैन में दिखा कि महिला के पेट में चार बहुत बड़े सिस्ट्स थे। इसके अलावा कई अन्य छोटे सिस्ट्स (पतली दीवार वाला खोखली थैली जैसी) भी उनके निकट थे। हास्पिटल के जनरल सर्जन डा.बी.एस.सुन्दरवदनन ने कहा कि इसका कारण पेरीटोनियल हाईडेटिड डिजीज है। यह एक परजीवी बीमारी है जो फीताकृमि के लार्वे से होता है। इन सिस्ट्स को जटिल सर्जरी कर हटाया गया। उन्होंने कहा कि यह रोग मानवों में सामान्य नहीं है। ये परजीवी कुत्ते या भेडि़ए में होते हैं। यह अक्सर दूषित खाना खाने एवं पानी पीने से मानव में फैलता है। टेपवर्म से अक्सर कुत्ते संक्रमित होते हैं जो भेडि़ए या अन्य पशुओं का मांस खाते हैं। टेपवर्म का अंडा कुत्ते के मल में पाया जा सकता है। संक्रमित कुत्तों के सीधे संपर्क में आने से मानव संक्रमित हो सकता है। बच्चों एवं पालतू कुत्तों के बीच संपर्क से भी यह स्थिति बनती है। संक्रमित कुत्तों से दूषित पानी एवं सब्जियों के खाने से भी संक्रमण हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस रोगी के कुछ पालतू पशु थे। उसने बताया कि जब वह सात साल की थी तब इसी प्रकार का एक सिस्ट निकाला गया था। उस सर्जरी का कोई मेडिकल रिकार्ड नहीं है। हमने अनुमान लगाया कि प्राइमरी सिस्ट को हटाया गया होगा और लंबे समय बाद में इन सेकेंडरी सिस्ट्स का विकास हुआ।

उन्होंने बताया कि सिस्ट्स को हटाना जरूरी था क्योंकि इसका टूटना जीवन को जोखिम में डाल सकता था। इनके अंदर का जहरीला द्रव उनके निकट स्थित महत्वपूर्ण अंगों जैसे लीवर, किडनी तथा आंत को क्षति पहुंचा सकता था। इसके बाद चिकित्सकों की टीम ने आपरेशन प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बनाई। इसके तहत पूरा ध्यान एवं सावधानी बरती गई ताकि आस पास के अंग प्रभावित तथा क्षतिग्रस्त न हो। फिर से ऐसा न हो इसके लिए महिला को दवा दी गई। हास्पिटल की निदेशक डा.सविता राजेश ने कहा कि ऐसे रोगों को रोकने के लिए स्वच्छ पानी, उचित सफाई, ताजा भोजन करना चाहिए। हाथ की स्वच्छता पर अधिक ध्यान देना चाहिए। कुत्ते जैसे पालतू जानवरों को समय समय पर डिवार्म (कीड़े की दवा) किया जाना चाहिए। उनकी देखभाल का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो