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गणेश चतुर्थी: हुनरमंद होकर भी आर्थिक मंदी के भंवर में फंसे मूर्तिकार

locationचेन्नईPublished: Aug 14, 2020 09:09:17 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

कोरोना वायरस के संक्रमण का असर

Chennai idol makers worried before Ganesh Chaturthi

Chennai idol makers worried before Ganesh Chaturthi

चेन्नई.

कोरोना संक्रमण के चलते तमिलनाडु सरकार के गणेश पंडाल व मूर्ति स्थापना रोक लगाने से अच्छे हुनरमंद लोगों की कमाई मारी गई। मजबूर होकर लोगों को गणेश चतुर्थी पर पूजा के लिए मूर्तियां बनाना छोड़ पैतृक गांव जाने को मजबूर होना पड़ गया। तिरुवल्लूर जिले के सुरटापल्ली में इस साल कोरोना के कारण गजानंद की मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार आर्थिक मंदी के भंवर में फंस गए। शिल्पकार मूर्तियां अधूरी छोड़ पश्चिम बंगाल स्थित अपने पैतृक गांव चले गए। त्योहार सैकड़ों मूर्तियां तो बन गई सिर्फ रंग-रोगन बाकी रह गया। शिल्पकारों का कहना है मिले हुए ऑर्डर रद्द हो रहे हैं। जब सरकार के पंडाल लगाने पर रोक लगाने से हमेें मूर्तियों के खरीदार मिल नहीं रहे हैं।

कैसे चुकेगा कर्ज
मूर्तिकार किशोरी मोहन पाल ने कहा सालों से मूर्ति बना रहे हैं ऐसा समय नहीं आया कभी। लॉकडाउन से बहुत असर पड़ा है। पुरानी मूर्तियां ही नहीं बिक रही है तो नई बनाने का क्या फायदा। हर साल मूर्तियां बेचकर लाखों कमाने वाले इन कारीगरों को इस साल कोरोना वायरस और राज्य सरकार से बड़ा झटका लगा है। बड़ी मूर्ति खरीदने वाला तो कोई आता ही नहीं। मूर्तिकार हर साल कर्जा लेकर मूर्ति बनाने का सामान खरीदते हैं और फिर मूर्तियां बेचकर कर्जा चुकाते हैं। इस बार तो कर्जा चुकाना भी मुश्किल हो गया है।

कोसापेट में कृष्णा स्टेच्यू के मालिक ए. मोहन का कहना है कि हर साल जून माह से ही कई बड़ी समितियों के गणेश की मूर्तियों का ऑर्डर मिलना शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से कोई ऑर्डर नहीं मिला है। ऐसे में रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब तक मूर्ति बनाने के लिए लाखों रुपए से अधिक खर्च कर चुके हैं। अब हालत यह कि कारीगरों को उनका मेहनताना देने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

पिछले साल जैसा माहौल नहीं
माधवरम में रहने वाले पश्चिम बंगाल निवासी आनंद चटर्जी ने कहा कोरोना ने इस साल गणेशोत्सव पर रोक लगवा दी। दूर्गा पूजा की तरह ही चेन्नई में गणेशोत्सव की तैयारी दो महीने पहले लोग शुरू कर देते थे। इस समय गणेश पंडालों का निर्माण शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल विभिन्न समितियों के पदाधिकारी, शिल्पकार अब तक असमंजस में थे। अब राज्य सरकार ने चौराहों पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना पाबंदी लगा दी है। एक अन्य शिल्पकार ने बताया पहले अब तक सारी बुकिंग हो जाती थी, लेकिन इस बार संशय के चलते बड़ी मूर्तियां नहीं बना रहे थे, हो सकता है बिकेगी या नहीं। लेकिन सरकार के आदेश के बाद स्पष्ट हो गया कि नहीं बिकेंगी। पहले से ही कर्जा है और कर्ज बढ़ जाएगा। रोजी रोटी का साधन यही है। लॉकडाउन में बहुत बुरा हाल हुआ है।

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