इसके बावजूद भी कई मामलों में गरीब और कमजोर वर्ग के लोग इन स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम रह जाते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि स्वास्थ्य सुविधा के लिए सरकारी और निजी संस्थान एक साथ आएं। भारत में और भारतीयों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो नई तकनीक और विधा ईजाद की है उसे विदेशों में प्रमुखता दी जाती है।
उन्होंने कहा कि आज के समय की मांग के अनुसार यह जरूरी है कि हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाय। तमिलनाडु इस मामले में अन्य राज्यों से काफी आगे है। पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता द्वारा शुरू की गई कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अम्मा का सपना था कि वह तमिलनाडु का विकास ऐसे प्रदेश के रूप में करे जहां विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो। आज हम उसी दौर में जी रहे हैं। काफी संख्या में विदेशों से लोग यहां इलाज के लिए आते है जिसका प्रमुख कारण यहां बेहतर व सस्ती स्वास्थ्य सुविधा का उपलब्ध होना है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु में आंखों के विकार से निपटने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर वर्ष १९७६ से काम कर रहे हैं लेकिन अब तक हम इस पर पूर्ण रूप से काबू पाने में असफल रहे हैं। अभी भी हमारे सामने कई चुनौतियां हैं जिनसे निपटने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत है। ऐसे आयोजनों से लोगों को मौका मिलता है कि वे देश-विदेश में इस क्षेत्र में हुए नए आविष्कारों व तकनीकों से अवगत हो सकें। हमें ऐसे आयोजनों का फायदा उठाना चाहिए।
अग्रवाल ग्रुप ऑफ आई हास्पिटल के चेयरमैन डा. अमर अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में मोतियाबिन्द व डायबिटीज की वजह से काफी लोगों की आंखों की रोशनी चली जाती है। हमें लोगों को इनके बारे मेें जागरूक करना होगा। इस मौके पर इंवर्टेड फ्लैप ऑफ आईएलएम फॉर मॉक्यूलर ***** सर्जरी के खोजकर्ता जेरजी नवरोकी समेत कई लोग मौजूद थे। इस सम्मेलन में देश-विदेश से १४०० से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।