चेन्नई

तमिलनाडु के पांच जिलों को मिली जगह

रहवास में सुविधा (ईज ऑफ लिविंग) के मद्देनजर दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में चेन्नई को चौथा तो कोयम्बत्तूर को सातवां स्थान प्राप्त हुआ है।

चेन्नईMar 04, 2021 / 08:00 pm

Vishal Kesharwani

तमिलनाडु के पांच जिलों को मिली जगह

 

रहवास आसानी में चौथे क्रम पर चेन्नई

– कोयम्बत्तूर को मिला सातवां स्थान

चेन्नई. रहवास में सुविधा (ईज ऑफ लिविंग) के मद्देनजर दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में चेन्नई को चौथा तो कोयम्बत्तूर को सातवां स्थान प्राप्त हुआ है। दस लाख से कम जनसंख्या वाले पहले १० शहरों की सूची में तमिलनाडु के तीन जिले हैं।केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को ऑनलाइन आयोजन में ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (आवास की दृष्टि से सुविधावादी) 2020 और नगर पालिका कार्य निष्पादन सूचकांक (एमपीआई) 2020 की अंतिम रैंकिंग जारी की।

 

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस आयोजन में उपस्थित थे।११ शहरों ने लिया भाग ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 की उन शहरों के लिए घोषणा की गई जिनकी जनसंख्या दस लाख से अधिक और दस लाख से कम है। वर्ष 2020 में आयोजित मूल्यांकन प्रक्रिया में 111 शहरों ने भाग लिया। विश्लेषण में इन शहरों को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के रूप में स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के तहत सभी शहरों के साथ श्रेणीबद्ध किया गया। तिरुचि-सेलम-वेलूर10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में बेंगलूरु प्रथम और उसके बाद पुणे, और अहमदाबाद है।

 

10 लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में शिमला ईज ऑफ लिविंग में सर्वोच्च स्थान पर रहा, इसके बाद भुवनेश्वर, सिलवासा, काकीनाडा, सेलम, वेलूर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे, और तिरुचिरापल्ली रहे। नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक में दस लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में ही राज्य को स्थान मिला। ४७.०२ अंक हासिल कर तिरुनेलवेली महापालिका दसवें सथान पर रही। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) एक मूल्यांकन उपकरण है जो जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास के लिए विभिन्न पहलों के प्रभाव का आकलन करता है।

 

यह जीवन की गुणवत्ता, शहर की आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलापन के आधार पर देश भर के प्रतिभागी शहरों की व्यापक समझ उपलब्ध कराता है। इस मूल्यांकन में सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) के माध्यम से नगर के प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के बारे में नागरिकों के दृष्टिकोण भी शामिल हैं।

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