एक प्रश्न के जवाब में सीएम ने बताया कि तेनकाशी में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी में शामिल होने वाले हैं। एएमएमके में शामिल सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं के मूल पार्टी में आने के बारे में उनका कहना था कि ओपीएस और उन्होंने पहले न्यौता दिया है ताकि पार्टी मजबूत हो जिसका फायदा विधानसभा चुनाव में मिल सके। हमसे जुदा होकर गए नेता व कार्यकर्ता धीरे-धीरे वापस एआईएडीएमके (AIADMK ) में शामिल हो जाएंगे। सेलम इस्पात संयंत्र के निजीकरण सीएम ने कहा कि इससे तमिलनाडु के लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। यह एक बड़ा उपक्रम है जिसमें हजारों लोग कार्य करते हैं। इसका निजीकरण नहीं किया जाए इसलिए सभी दलों को एकजुट होकर आवाज देनी चाहिए।
तेल की कीमतें लगातार बढऩे और आज भी ढाई रुपए बढ़ाए जाने पर पलनीस्वामी ने संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी कि इसे कम किया जाए तो जनता के लिए बेहतर होगा। कावेरी-गोदावरी लिंक परियोजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी समग्र परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट के बाद ही परियोजन की लागत का आकलन कर वित्तीय आवंटन किया जाएगा।
तमिलनाडु को झटका
चेन्नई. केंद्र सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) को सूचित किया कि तमिलनाडु के विद्यार्थियों को नीट की अनिवार्यता से छूट देने के राज्य सरकार द्वारा पारित दो विधेयकों को राष्ट्रपति ने निरस्त कर दिया है। केंद्र सरकार की इस सूचना से तमिलनाडु का गहरा झटका लगा है। अभिभावक-शिक्षक संघ समेत चार याचिकाएं इस सिलसिले में मद्रास हाईकोर्ट में दायर हुई थी कि उक्त दोनों बिलों को स्वीकार करने के केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए जाएं।
इस याचिका पर शनिवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने इन दोनों बिलों को ठुकरा दिया है। केंद्र सरकार की इस दलील के बाद न्यायालय ने दोनों बिल पारित किए जाने तथा निरस्तीकरण की तारीख सहित पूर्ण विवरण पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई १६ जुलाई को होगी।
पिछले ४ सालों से नीट NEET से छूट को लेकर राज्य सरकार प्रयास कर रही है। राज्य में गहराते विरोध के बीच २०१७ में तमिलनाडु विधानसभा सर्वसम्मति से दो बिल पारित कर राष्ट्रपति से मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजे गए। शिक्षाविद् व तमिलनाडु अभिभावक-शिक्षक संघ के अध्यक्ष पिं्रस गजेंद्र बाबू ने याचिका लगाई थी कि २०१७-१८ अकादमिक सत्र में एमबीबीएस व बीडीएस में विद्यार्थियों के दाखिले में नीट की अनिवार्यता को समाप्त करने के निर्देश उक्त बिलों के आधार पर जारी किए जाएं।
न्यायाधीश मणिकुमार व सुब्रमण्यम की न्यायिक पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने गृह मंत्रालय द्वारा इन बिलों की प्राप्ति तथा इनको रोके जाने की बात कही। न्यायिक पीठ ने सफाई मांगी कि क्या बिलों को रोका गया है अथवा खारिज किया है। पीठ को अधिवक्ता ने गृह मंत्रालय के उप सचिव के हवाले से बताया कि इन बिलों को निरस्त कर दिया है।