उल्लेखनीय है कि शराब की दुकान को बंद कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के लिए वर्ष २०१४ में दर्ज मामले में नंदिनी और उसके पिता मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए थे। मामले में सुनवाई के दौरान नंदिनी और उसके पिता ने न्यायाधीश से सवाल किया कि क्या शराब खाने की वस्तु है क्या इसको बेचना अपराध नहीं है? इसके मद्देनजर पुलिस ने कोर्ट के अवमानना के आरोप में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर ९ जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।