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chennai news in hindi : विधानसभा कार्यवाही – स्पीकर और डीएमके सदस्यों के बीच गरम बहस

locationचेन्नईPublished: Jul 12, 2019 11:58:21 am

Submitted by:

shivali agrawal

विधानसभा assembly में गुरुवार को नियम 110 के तहत सीएम CM पलनीस्वामी की घोषणाओं को लेकर स्पीकर speaker पी. धनपाल और डीएमके DMK के सदन में नेता एम. के. स्टालिन stalin व उप नेता दुरै मुरुगन के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई।

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chennai news in hindi : विधानसभा कार्यवाही – स्पीकर और डीएमके सदस्यों के बीच गरम बहस

चेन्नई. विधानसभा assembly में गुरुवार को नियम 110 के तहत सीएम CM पलनीस्वामी की घोषणाओं को लेकर स्पीकर speaker पी. धनपाल और डीएमके DMK के सदन में नेता एम. के. स्टालिन stalin व उप नेता दुरै मुरुगन के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई।
इस बहस की शुरुआत सीएम के नियम 110के तहत की गई कई घोषणाओं से हुईं। इस पर डीएमके सदस्य ऑस्टिन इतनी घोषणाओं को लेकर प्वाइंट ऑफ ऑर्डर लाए तथा बोलने लगा।
स्पीकर ने तत्काल दखल देते हुए ऑस्टिन की बातों को सदन की कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए। इस पर उप नेता दुरै मुरुगन बोले कि विधानसभा में सदस्यों को मसले उठाने और प्रश्न करने का हक है।
विधानसभाध्यक्ष ने जवाब दिया कि नियम-110 के तहत जब सीएम घोषणा करते हैं तो किसी भी सदस्य को बीच में दखल देने का अधिकार नहीं है। वे उनकी आलोचना तथा उस विषय पर बहस भी नहीं कर सकते। लिहाजा डीएमके सदस्य के विचारों को कार्यवाही से हटाया गया है।
दुरै मुरुगन ने प्रश्न किया कि जब मुख्यमंत्री की घोषणाओं की मंत्रीगण तारीफ कर सकते हैं तो एक सदस्य द्वारा प्रश्न पूछे जाने का अधिकार नहीं होने की बात अस्वीकार्य है। नियम-110 के तहत एक मसले पर घोषणा हो सकती है लेकिन सीएम ने एक साथ कई घोषणाएं की हैं। उसे दर्शाने के लिए ही डीएमके सदस्य प्वाइंट ऑफ ऑर्डर लाए।
स्पीकर ने सफाई दी कि वे पहले ही नियम 110 के तहत घोषणाओं की प्रशंसा की अनुमति दे चुके हैं। इनकी आलोचना नहीं होनी चाहिए। दुरै मुरुगन ने जवाब दिया कि आपकी बात का प्रतिकार नहीं कर रहे हैं। प्वाइंट ऑफ ऑर्डर को स्वीकारना अथवा अस्वीकृत करने का अधिकार आपका है। लेकिन इसे कार्यवाही से नहीं हटाना चाहिए।
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन भी बहस में यह कहते हुए शामिल किए कि नियमों का स्मरण कराने ही हमारे सदस्य ने उक्त बात कही थी। सदस्य को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
स्पीकर ने कहा कि आभार व्यक्त करने की ही अनुमति थी इसलिए सदस्य की आलोचनाओं व विचारों को कार्यवाही में जगह नहीं दी गई। दुरै मुरुगन ने कहा कि प्वाइंट ऑफ ऑर्डर लाने का आशय यही है कि सदन की कार्यवाही विपथित नहीं हो जाए। यह सदस्यों का हक है जो उनको मिलना चाहिए।
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