विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को tamilnadu राज्य के लॉ मंत्री सी.वी षणमुगम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाइड्रोकार्बन hydrocarbon परियोजना को लागू करने की अनुमति नहीं दी गई है।
चेन्नई. विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को tamilnadu राज्य के लॉ मंत्री सी.वी षणमुगम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाइड्रोकार्बन hydrocarbon परियोजना को लागू करने की अनुमति नहीं दी गई है। ओएनजीसी ( ONGC) ने सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार government ने इंकार कर दिया। प्रश्नकाल के दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके
DMK द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर षणमुगम ने जबाव दिया। डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार का दावा है कि उसने इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसे शुरू करने की लगातार कोशिश की जा रही है। जिसके जबाव में षणमुगम ने कहा कि डीएमके ने अपने शासनकाल में परियोजना को ग्रीन सिग्नल दिया था। लेकिन एआईएडीएमके सरकार द्वारा हाइड्रोकार्बन ही नहीं प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी परियोजना को शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी परियोजनाओं को अगर केंद्र सरकार द्वारा अनुमति मिल भी जाती है तो भी राज्य सरकार कीमंजूरी के बिना कुछ नहीं होगा।
डीएमके सदस्य दुरैमुरुगन ने कहा कि डीएमके शासनकाल में इस परियोजना को सिर्फ समीक्षा के लिए अनुमति प्रदान की गई थी। स्टालिन ने कहा कि डीएमके सरकार ने कंपनी को एक इलाके में खुदाई करने की नहीं बल्कि इलाके का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई थी। डीएमके सदस्य टीआरबी राजा ने कहा कि परियोजना के लिए कुंए की खुदाई से भूजल स्तर पर प्रभाव पड़ेगा।
इससे पहले कांग्रेस सदस्यों ने उस समय सदन से वॉकआउट कर दिया जब उन्हें स्पीकर द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी, जिसमें उन्होंने कर्नाटक में चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि कांग्रेस सत्ता आई तो मेकेडाटू बांध का निर्माण होगा, पर स्पष्टीकरण देने की अनुमति नहीं मिली। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा था राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि अगर केंद्र में उनकी सरकार बनी तो कावेरी के चारों ओर मेकेडाटू बांध का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही सीडबल्यूआरसी को भंग करने की भी बात कही थी। ऐसे में डीएमके और congress ने Rahul की इस टिप्पणी का विरोध क्यों नहीं किया?