सरकारी आकड़ों के अनुसार 2018-19 में जांचे गए खाद्य नमूनों food में से तमिलनाडु Tamilnadu और उत्तर प्रदेश में लगभग एक तिहाई (1/3 )नमूने मिलावटी adulterated या घटिया पाए गए।
चेन्नई. सरकारी आकड़ों के अनुसार 2018-19 में जांचे गए खाद्य नमूनों food में से तमिलनाडु
Tamilnadu और उत्तर प्रदेश में लगभग एक तिहाई (1/3 )नमूने मिलावटी adulterated या घटिया पाए गए। पिछले दो सालों में जांच में 25 प्रतिशत नमूने निम्न स्तर के थे। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि 2016-17 और 2018-19 के बीच 8,100 लोगों को इस अपराध में दोषी पाया गया था। राज्यों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने लगभग 43.65 करोड़ रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए है। मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार,साल 2018-19 में कुल 65,000 नमूनों में से 20,000 से अधिक जांच में निम्न स्तर के पाए गए। 2017-18 में 99,000 में 24,000 से अधिक नमूने मानदंडो के अनुरूप नहीं थे। 2016-17 में कुल 78,000 में से 18,000 निम्नस्तर के थे। उल्लेखनीय है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक भी पेश किया है, जिसके तहत ऐसे अपराधों के लिए कठोर दंड के साथ ही कारावास की सजा भी शामिल है।