मंदिरों के शहर कांचीपुरम kanchipuram में जहां देखो वहां श्रद्धालुओं का तांता लगा है। कोई दर्शन की कतार में है तो किसी को varadhraja perumal temple तक पहुंचने के लिए बस की प्रतीक्षा है। कामाक्षी अम्मन मंदिर और शंकर मठ के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध कांचीपुरम kanchipuram को अब भगवान अत्तिवरदर lord Athivaradhar की वजह से नई प्रसिद्धि मिली है।
कांचीपुरम. मंदिरों के शहर कांचीपुरम kanchipuram में जहां देखो वहां श्रद्धालुओं का तांता लगा है। कोई दर्शन की कतार में है तो किसी को varadhraja perumal temple तक पहुंचने के लिए बस की प्रतीक्षा है। कामाक्षी अम्मन मंदिर और शंकर मठ के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध कांचीपुरम
Kanchipuram को अब भगवान अत्तिवरदर lord Athivaradhar की वजह से नई प्रसिद्धि मिली है। चालीस साल बाद भगवान अत्तिवरदर lord Aathivaradhar की अंजीर वृक्ष की लकड़ी से निर्मित मूल मूर्ति को २८ जून को varadhraja perumal temple के अनंत सरोवर से निकाला गया था। इस चमत्कारिक मानी जानी वाली मूर्ति का आकर्षण देश-विदेश से श्रद्धालुओं को खींचकर उनके चरणों में ला रहा है। आंकड़ों की मानें तो अब तक १३ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान अत्तिवरदर के दर्शन किए हैं जिनमें देश के प्रथम प्रतिष्ठित नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भी हैं।
चालीस वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले इस महापर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों से ईष्र्या तो कतई नहीं होती। जितना बड़ा आयोजन था उसके अनुरूप सुविधाएं व व्यवस्थाएं आम श्रद्धालुओं को संशय में डालती नजर आईं। इसके बाद भक्तों के उत्साह की सुनामी वरदराज भगवान मंदिर varadhraja perumal temple की ओर जाने वाले हर मार्ग पर नजर आईं। अगर यह कह जाए कि सभी मार्ग अत्तिवरदर के चरणों में जाकर समाप्त हो रहे हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
मंदिर के सन्निधि स्ट्रीट में ससुराल आए लक्ष्मीनरसिम्हन बताते हैं कि यह एक अनोखा पर्व हैं जो श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का प्रतीक है। वे मुम्बई में बसे हैं और अत्तिवरदर के दर्शन के लिए यहां आए हैं। अत्तिवरदर के महात्म्य को लेकर अलग-अलग मत हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि श्रद्धालु अपने जीवन में एक बार भगवान अत्तिवरदर का दर्शन चाहते हैं लिहाजा उनको किसी तरह की असुविधा दिखाई नहीं देती।
दिल्ली से सपत्नीक आए ७४ साल के एस. एस. गुप्ता ने भी अत्तिवरदर के दर्शन किए। उनकी पत्नी की उम्र ७० साल है। यह वृद्ध दम्पती अत्तिवरदर के समाचार टीवी पर देखकर यहां पहुंचा। दर्शन का इनका सफर काफी थकाने वाला था लेकिन दम्पती का उत्साह देखते ही बनता था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने १२ जुलाई को अत्तिवरदर के दर्शन किए थे। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २३ जुलाई को दर्शन करेंगे। उनका रात का ठहराव भी इस धर्म नगरी में है तथा अगली सुबह अत्तिवरदर की दूसरी मुद्रा (खड़ी अवस्था) में दर्शन कर दिल्ली लौटेंगे।
अत्तिवरदर के दर्शन की कतार में आम भक्त लगे हैं तो वीवीआइपी श्रद्धालुओं की भी कमी नहीं है। यह बात और है कि वे सहज दर्शन की ‘व्यवस्था’ अपने तरीके से कर लेते हैं। पुलिस व प्रशासन की आंखों के नीचे यह सबकुछ हो रहा है जिसकी जनता को शिकायत है। सरोवर से निकली अत्तिवरदर की इस प्राचीन मूर्ति के दर्शन १७ अगस्त तक होंगे।