इस भूमि की कीमत १० करोड़ के आसपास है। यहां जारी एक विज्ञप्ति में जिला कलक्टर ए. षणमुग सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष १९७६ में पुलिस चौकी बनाने के लिए यह भूमि आवंटित की गई थी।
अनुपयोगी होने की वजह से जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया और गलत तरीके से पंजीकृत दस्तावेजों के माध्यम से लेनदेन भी किया गया था जिस पर कार्रवाई करते हुए फिर से खाली कराकर पुलिस विभाग को सौंप दी गई।
भूमि अतिक्रमण के लिए अवैध पंजीकरण कराने की प्रक्रिया में लिप्त लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सिटी में भी इस तरह के अतिक्रमित भूमियों की पहचान कर कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो निजी व्यक्तियों और कंपनियों के अनधिकृत कब्जे में है।
प्रशासन ने खाली कराई १० करोड़ रुपए की अतिक्रमित सरकारी भूमि