पिछले तीन साल में मुख्यमंत्री इसी प्रकार के प्रस्ताव की सूची प्रदान कर रहे हैं। जबकि बैठक में मुख्यमंत्री को कोष आवंटित करने में हो रही देरी को लेकर केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नीट को लेकर विद्यार्थियों में बढ़ रहे तनाव और आत्महत्या जैसे मामलों को भी चर्चा का विषय नहीं बनाया। जबकि विधानसभा में नीट से छूट दिलाने को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पेश किए गए प्रस्ताव में नीट का उल्लेख ही नहीं किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी. कुमारसामी की टिप्पणी, जिसमें दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि कावेरी पर मेकेडाटू बांध निर्माण के लिए उनकी सरकार को तमिलनाडु से अनुमति लेने की जरूरत नही, पर स्टालिन ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री को कड़ी प्रतिक्रिया करनी चाहिए थी। इसके अलावा केरल और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री के साथ भी पलनीस्वामी को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कहना चाहिए था कि तमिलनाडु की अनुमति के बिना मेकेडाटू बांध का निर्माण नहीं होगा, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया।