सीआईडी-आइडल विंग के डीजीपी जयंत मुरली ने कहा कि हमने एक पुरातत्वविद् की मदद मांगी, जिन्होंने कहा कि पार्वती की मूर्ति की तस्वीर जो फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ पांडिचेरी में रखी गई थी और जो बोनहम ऑक्सन हाउस में थी, वो एक ही है। इसका मतलब है कि बोनहम में मिली पार्वती की मूर्ति कुंभकोणम के नादानपुरेश्वर मंदिर से गायब मूर्ति ही है।
1971 में चोरी होने की शिकायत के बाद मंदिर के ट्रस्टी के. वासु ने 2019 में एक और शिकायत दर्ज कराई और कहा कि उन्होंने 1971 में जिन मूर्तियों को मंदिर में देखा था, वो अब वहां नहीं हैं। शिकायत में वासु ने कहा कि उन्होंने पूजा के लिए वहां पहुंचने पर मंदिर के ताले टूटे हुए देखे थे और तब मंदिर के दो ट्रस्टियों ने नचियारकोईल पुलिस से शिकायत की थी और इंस्पेक्टर ने मंदिर का दौरा भी किया था।
वासु ने यह भी कहा कि तब कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, इसलिए वह शिकायत दर्ज कर रहे हैं। उन्होंने विशेष अधिकारी, आइडल विंग, एसजी पोन मानिकवेल के पास शिकायत दर्ज की, जिसके बाद 2019 में एक केस दर्ज किया गया। अब, आइडल विंग ने दस्तावेजों के माध्यम से स्वामित्व साबित कर मूर्ति को भारत वापस लाने के लिए कदम उठाए हैं। देवी पार्वती मूर्ति का पता लगाने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि वे शेष चार मूर्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।