इस अवसर पर चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री एमए. सुब्रमाण्यन और स्वास्थ्य सचिव डा. जे. राधाकृष्णन भी मौजूद थे। इस योजना के लॉन्च होने के तुरंत बाद ही चेन्नई और कोयम्बत्तूर सहित सात जिलों में लोगों को डोरस्टेप हेल्थकेयर की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
योजना का उद्घाटन करते हुए एमके स्टालिन ने दो लाभार्थियों के घर पहुंचे और उन्हें दवाएं दी। फील्ड स्टाफ 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और विकलांग लोगों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए दवाएं देने के लिए रोगियों के घरों का दौरा करेगा, जिन्हें जांच और सूचीबद्ध किया गया है।
एक सरकारी आदेश के अनुसार इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य राज्य में 50 सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज ब्लॉकों में 1,172 स्वास्थ्य उप-केंद्र, 189 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 50 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लॉन्च करना है। डोरस्टेप हेल्थकेयर योजना का उद्देश्य न केवल लोगों के दरवाजे पर आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराना है, बल्कि चिकित्सा सेवाओं को उनके घरों तक पहुंचाना भी है।
योजना का पहला लक्ष्य वर्ष के अंत तक राज्य स्तर पर 30 लाख परिवारों के लगभग एक करोड़ लोगों को लाभान्वित करना है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य में योजना के कार्यान्वयन के लिए एक सरकारी आदेश भी पारित किया। इस योजना को लगभग 257 करोड़ रुपए की अनुमानित वार्षिक लागत पर लागू किया जाएगा।
डोरस्टेप हेल्थकेयर योजना शुरू करने के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन व्यक्तिगत रूप से उन मेडिकल सप्लाई का जायजा लिया जो हाई ब्लड प्रेशर और डायबटीज से पीडि़त रोगियों के घरों में भेजी जाएंगी। इसके अलावा इस योजना का फोकस राज्य में मरीज और वरिष्ठ नागरिकों के फिजियोथेरेपी की सुविधा प्रदान करना भी है।