उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री दो लाभार्थियों के घर गए और दवाईयां प्रदान की। इस योजना के तहत फील्ड स्टॉफ 45 वर्ष से अधिक उम्र और विकलांग लोगों को उच्च रक्तचाप व मधुमेह के लिए दवाई देने के लिए रोगियों के घरों का दौरा करेंगे। योजना के तहत रोगी की सभी जरूरतों को प्रदान करने और लगातार निगरानी करने की व्यवस्था की गई है, क्योंकि उनकी लगातार निगरानी की जाती है और सामुदायिक रजिस्टर में वर्गीकृत किया जाता है। लोक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा निदेशालय तथा चिकित्सा एवं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के माध्यम से पीएचसी स्तर, जिला स्तर, निगम स्तर, प्रखंड स्तर और एचएससी स्तर पर सेवाओं की निगरानी की जाएगी।
योजना का पहला लक्ष्य वर्ष के अंत तक राज्य स्तर पर 30 लाख परिवार के लगभग एक करोड़ लोगों को लाभान्वित करना है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य में योजना के कार्यान्वयन के लिए एक सरकारी आदेश भी पारित किया है। 257 करोड़ की वार्षिक लागत से इस योजना को लागू किया जाएगा। कार्यक्रम में तमिलनाडु महिला कल्याण विकास निगम से प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्य स्वयंसेवक, मध्यवर्ती स्वास्थ्य कार्यकर्ता, चिकित्सा कर्मचारी और पैरामेडिकल शामिल हैं।
इस योजना के लिए प्रत्येक क्षेत्रों में विशेष वाहन तैनात किए जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत अपनी सेवाएं देने वाली नर्सों और मेडिकल स्टॉफ के लिए तीन वाहन को भी हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कृष्णगिरी के एक निजी अस्पताल में कॉर्पोरेट कंपनियों के सीएसआर फंड के तहत एक कोविड 19 टीकाकरण कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि पहली बार इस योजना के तहत मेडिकल सुविधाएं लोगों के घर तक पहुंचेंगी। उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पहली बार हम न केवल लोगों के घर तक आवश्यक दवाएं उपलब्ध कर रहे हैं, बल्कि चिकित्सा सेवाओं को उनके घरों तक भी पहुंचा रहे हैं। इस योजना के लांच के दौरान सीएम मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीडि़त व्यक्तियों के घरों में और नर्सों के माध्यम से फिजियोथेरेपी की आवश्यकता वाले लोगों के घरों में दवाओं के वितरण पर एक नजर डालेंगे।