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PM MODI को लिखा पत्र : आइएएस कानून में संशोधन अफसरों और राज्यों को करेगा हतोत्साहित : STALIN

locationचेन्नईPublished: Jan 23, 2022 09:33:05 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

स्टालिन ने लिखा, प्रस्तावित संशोधन हमारी संघीय राजनीति और राज्य स्वायत्तता की जड़ पर प्रहार करता है जो कि चिंताजनक है। वे इस पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। प्रस्तावित संशोधनों से संघ और राज्यों के बीच मौजूद संघवाद की भावना को अपूरणीय क्षति होगी और इसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार के पास शक्तियों का संकेंद्रण होगा।
 

TN CM Mk Stalin chaired with dist collectors

TN CM Mk Stalin chaired with dist collectors

चेन्नई. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधन मसौदे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे देश की संघीय व्यवस्था के विपरीत बताया है। उन्होंने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराते हुए प्रस्तावित संशोधनों को टालने का अनुरोध किया।

स्टालिन ने लिखा, प्रस्तावित संशोधन हमारी संघीय राजनीति और राज्य स्वायत्तता की जड़ पर प्रहार करता है जो कि चिंताजनक है। वे इस पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। प्रस्तावित संशोधनों से संघ और राज्यों के बीच मौजूद संघवाद की भावना को अपूरणीय क्षति होगी और इसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार के पास शक्तियों का संकेंद्रण होगा।

वरिष्ठ अधिकारियों की कमी
सीएम ने राज्यों के पास विशिष्ट वरिष्ठ अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए इसके लिए केंद्र सरकार की गलत कैडर प्रबंधन नीतियों को जिम्मेदार बताया। उनका कहना था कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर समूह-प्रथम साझा पूल का लाभ उठा रही है, जबकि राज्य सरकारें पूरी तरह से राज्य में उपलब्ध आईएएस अधिकारियों के सीमित पूल पर निर्भर हैं। राज्यों के पास कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के अलावा आपदा के वक्त प्रबंधन की बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में राज्य सरकारों को अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के लिए मजबूर करना राज्यों के प्रशासनिक ढांचे का अपमान है।

अधिकारियों में भय की भावना
सीएम ने लिखा, ‘मैं विशेष रूप से उन प्रस्तावित प्रावधानों में से एक पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं जो केंद्र सरकार को किसी भी अधिकारी की सहमति के बिना और संबंधित राज्य सरकार की सहमति के बिना एकतरफा सेवाओं का मसौदा तैयार करने का अधिकार देगा। यह निश्चित रूप से भारत में नौकरशाही के स्टील फ्रेम को हतोत्साहित और अस्थिर करेगा। यदि यह लागू किया जाता है, तो अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी किसी भी समय केंद्र सरकार द्वारा दंडित किए जाने के डर में रहेंगे।Ó प्रस्तावित संशोधन न केवल नौकरशाही के चरित्र और कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे, बल्कि राज्यों में कैडर प्रबंधन को भी जटिल बना देंगे। इसके अलावा, इसका राष्ट्र के कल्याण पर सीधा असर के साथ राज्य के प्रशासन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

पारदर्शी पैनल प्रक्रिया
सीएम ने पीएम को सुझाव दिया कि राज्यों की शक्तियों को हड़पने के लिए प्रतिबंधात्मक प्रावधान लागू करने के बजाय, केंद्र सरकार पारदर्शी पैनल प्रक्रिया के माध्यम से अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के लिए कार्य और सेवा शर्तों का पुनर्निर्धारण कर सकती है। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के सशक्त भारत की परिकल्पना का स्मरण कराते हुए पीएम से अनुरोध किया कि आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में इन प्रस्तावित संशोधनों को छोड़ते हुए राज्यों के साथ संघीय भावना की मजबूती पर कार्य किया जाए।
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