इन मंदिरों में दर्शनार्थ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अन्नदान योजना शुरू की गई है। फिलहाल 754 मंदिरों में दोपहर के वक्त अन्नदान की व्यवस्था है। मंदिरों के माध्यम से गरीबों को भोजन कराने की प्रथा प्राचीन काल से भी चली आ रही है। इसके बाद कोरोना के दौरान गरीबों और आम लोगों की भूख मिटाने के लिए मंदिरों की ओर से 44 लाख लोगों को भोजन के पैकेट बांटे गए।
गुणवत्तापूर्ण अन्नदान
अधिकारी ने बताया कि सभी मंदिरों के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) द्वारा जारी प्रमाणीकरण प्राप्त किया जा सका है ताकि मंदिरों के प्रसाद और अन्नदान की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। वर्तमान में पलनी के दंडायुधपाणि और श्रीरंगम के रंगनाथस्वामी मंदिर में ही दिनभर अन्नदान की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना से इन मंदिरों में रोजाना दर्शन करने वाले लगभग 7500 भक्तों को लाभ होगा। अन्नदान का समय सुबह 8 से रात 10 बजे तक होगा।
ये थे उपस्थित
हिन्दू धार्मिक मामलात और देवस्थान मंत्री पी. के. शेखर बाबू, मछली पालन मंत्री अनीता आर. राधाकृष्णन, डेयरी मामलों के मंत्री नासिर, मुख्य सचिव वी. इरैअन्बू और विभागीय प्रमुख अधिकारियों के अलावा वर्चुअल रूप से तिरुचि जिला कलक्टर शिवरासु, तुत्तुकुड़ी जिला कलक्टर डॉ. के. सेंथिलराज और तिरुवल्लुर जिला कलक्टर डॉ. एल्बी जॉन वर्गीस उपस्थित थे।