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CM राहत कोष में आया 390 करोड़ का चंदा : सरकार

locationचेन्नईPublished: Jun 26, 2020 09:59:17 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

जनहित याचिका पर कोई गुरेज नहीं

हाईकोर्ट को क्यों कहना पड़ा हमारे कंधे पर बंदूक रख गोली चलाने की कोशिश मत कीजिए

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चेन्नई. सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह मुख्यमंत्री राहत कोष में आए चंदे का विवरण पेश करने की जनहित याचिका को गलत नहीं मानती है। कोष में अब तक 390 करोड़ रुपए का चंदा आया है।

एडवोकेट एम. कर्पगम की जनहित याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश आर. सुबय्या व जस्टिस रामासामी की न्यायिक पीठ ने वीडियो कांफे्रंसिंग से सुनवाई की।


सरकारी वकील कृष्णन रामसामी ने सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया। शपथ पत्र में सरकार के राजकोष व मुख्यमंत्री जन राहत कोष की उप सचिव पी. ए. परिमला सेल्वी का जवाब था।

परिमला सेल्वी ने कहा कि हर सप्ताह कोष में आए डोनेशन को लेकर विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है। इस कोष की प्रशासनिक समिति के चेयरमैन स्वयं सीएम हैं।


सरकार ने स्पष्ट किया कि वह इस जनहित को विपरीत नहीं मानती। सरकारी वकील ने दलील पेश की कि राहत कोष की वेबसाइट नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (निक), चेन्नई द्वारा डिजाइन व विकसित की गई है। सरकार वेबसाइट के विस्तार को लेकर निक के पदाधिकारियों से वार्ता भी कर रही है।

सरकारी वकील ने हाईकोर्ट को बताया सीएम के चेयरमैन होने के साथ ही वित्त विभाग के सचिव इस कोष के प्रशासक हैं तथा इसका प्रबंधन उपसचिव वित्त विभाग द्वारा किया जाता है।


सरकार ने जवाबी शपथपत्र में कहा कि निक केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन है। महामारी के वक्त यह वेबसाइट संवद्र्धित की गई थी ताकि विविध माध्यमों से डोनर्स को दान देने की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि सीएम प्रेस रिलीज के माध्यम से उन लोगों की सूची भी जारी करते हैं जिन्होंने १० लाख से अधिक का चंदा दिया है। कुल डोनेशन की राशि का प्रचार मीडिया में किया जाता है।

सरकारी वकील ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ट है कि डोनेशन को लेकर यथास्थिति स्पष्ट रखे। सरकार नहीं चाहती कि जनता को सही आंकड़े नहीं बताकर अंधेरे में रखा जाए। भविष्य में वेबसाइट अपडेट कर दी जाएगी तथा डोनेशन को लेकर पूर्ण पारदर्शिता के साथ अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएंगी। बेंच ने जवाब दर्ज कर सुनवाई सोमवार के लिए टाल दी।
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