कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष आर. एलंगोवन ने बताया कि श्रम विभाग के निर्देशों का उल्लंघन करने को लेकर उन लोगों को मजबूरन हड़ताल का नोटिस देना पड़ा है। सहायक श्रम आयुक्त ने सीएमआरएल को गत अप्रेल में कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले किसी भी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और चार बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली का निर्देश दिया था, लेकिन सीएमआरएल ने दोनो निर्देशों का उल्लंघन करते हुए हड़ताल में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा यूनियन को छोडऩे को लेकर लिखित रूप से लेने के बाद प्रबंधन ने सात बर्खास्त कर्मचारियों में से तीन को नौकरी दे दी है। इसके अलावा हड़ताल में शामिल होने को लेकर प्रबंधन ने १९१ कर्मचारियों को चार्जशीट भेजा है और उनमें से तीन कर्मचारियों के वेतन वृद्धि में अगले छह साल तक के लिए रोक लगा दी है। इतना ही नहीं बल्कि ५४ और कर्मचारियों पर भी प्रबंधन यही प्रक्रिया आजमाने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमआरएल प्रबंधन को मजदूरों के अधिकारों और श्रम विभाग के निर्देशों की चिंता नहीं है। इसी बीच सीएमआरएल के एक अधिकारी ने बताया कि कानून के दायरे में रहकर ही इस मसले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।